उडुपी में विधानसभा में सत्तारुढ़ भाजपा के सचेतक वी. सुनील कुमार ने कहा कि सिद्धरामय्या को सावरकर जैसे महापुरुष के खिलाफ टिप्पणी करने का नैतिक अधिकार नहीं है। सिद्धरामय्या सावरकर के पैरों की धूल के समान भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सिद्धरामय्या को सावरकर के त्याग और बलिदान की कोई जानकारी नहीं है। ब्रिटिश शासनकाल में दो बार उम्र कैद की सजा पानेवाले वे देश के एकमात्र सेनानी थे। उन्होंने कहा कि केवल कांग्रेस नेतृत्व को खुश करने के लिए सिद्धरामय्या ने सावरकर के खिलाफ टिप्पणी की है।