scriptगांधी की हत्या के आरोपी को भारत रत्न क्यों मिले: सिद्धू | Siddu target BJP, Why savarkar name proposed for Barat Ratna | Patrika News

गांधी की हत्या के आरोपी को भारत रत्न क्यों मिले: सिद्धू

locationबैंगलोरPublished: Oct 18, 2019 11:05:23 pm

Submitted by:

Jeevendra Jha

सिद्धरामय्या ने कहा कि सावरकर गांधी की हत्या की साजिश में शामिल थे। वे इस मामले में आरोपी भी थे। सावरकर सबूतों के अभाव में बरी हो गए थे। भाजपा गोडसे को भी भारत रत्न से सम्मानित कर सकती है। मुझे नहीं पता कि इस देश में क्या हो रहा है।

गांधी की हत्या के आरोपी को भारत रत्न क्यों मिले: सिद्धू

गांधी की हत्या के आरोपी को भारत रत्न क्यों मिले: सिद्धू

मेंगलूरु. वीर सावरकर Veer Savarkar को भारत रत्न Bharat Ratna से सम्मानित करने के प्रस्ताव पर चल रहे विवाद के बीच पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या siddaramaiah ने कहा कि सावरकर महात्मा गांधी की हत्या के आरोपी रहे हैं।
पार्टी Congress कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में भाजपा और संघ परिवार पर निशाना साधते हुए सिद्धरामय्या ने कहा कि भाजपा सावरकर को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देना चाहती है। सिद्धरामय्या ने कहा कि सावरकर गांधी की हत्या की साजिश में शामिल थे। वे इस मामले में आरोपी भी थे। सावरकर सबूतों के अभाव में बरी हो गए थे। भाजपा गोडसे को भी भारत रत्न से सम्मानित कर सकती है। मुझे नहीं पता कि इस देश में क्या हो रहा है।

गांधी की हत्या के आरोपी को भारत रत्न क्यों मिले: सिद्धू
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरामय्या ने कहा कि संघ और हिंदू महासभा ने अंग्रेजों का समर्थन किया था और कभी भी स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल नहीं हुए। सिद्धरामय्या ने कहा कि 100 में से 90 मामलों में आरोपी सबूतों के अभाव में बरी हो जाते हैं। सिद्धू ने तंज करते हुए कहा कि वे अब सावरकर को भारत रत्न देना चाहते हैं। फिर इस देश के साथ क्या होगा। इसीलिए किसी ने कहा कि उन्हें नाथूराम गोडसे को भी भारत रत्न दे देना चाहिए।
सिद्धू को टिप्पणी करने का अधिकार नहीं : सुनील कुमार
उडुपी में विधानसभा में सत्तारुढ़ भाजपा के सचेतक वी. सुनील कुमार ने कहा कि सिद्धरामय्या को सावरकर जैसे महापुरुष के खिलाफ टिप्पणी करने का नैतिक अधिकार नहीं है। सिद्धरामय्या सावरकर के पैरों की धूल के समान भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सिद्धरामय्या को सावरकर के त्याग और बलिदान की कोई जानकारी नहीं है। ब्रिटिश शासनकाल में दो बार उम्र कैद की सजा पानेवाले वे देश के एकमात्र सेनानी थे। उन्होंने कहा कि केवल कांग्रेस नेतृत्व को खुश करने के लिए सिद्धरामय्या ने सावरकर के खिलाफ टिप्पणी की है।
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