अब पिछड़ों और दलितों को संगठित करेंगे सिद्धरामय्या
एचसी महादेवप्पा को सम्मेलनों की तैयारी का दायित्व

बेंगलूरु. ग्रामीण विकास व पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा के नेतृत्व में कुरुबा समुदाय के शक्ति प्रदर्शन को देखने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने पिछड़े तथा दलित समुदायों पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए मैसूरु, बेलगावी, मेंगलूरु तथा कलबुर्गी में विशाल सम्मेलन की तैयारियां शुरू कर दी हैं।बताया जा रहा है कि मैसूरु जिले के दौरे में सिद्धरामय्या ने अपने समर्थक एचसी महादेवप्पा को सम्मेलनों की तैयारी का दायित्व सौंपा है।
इससे पहले सिद्धरामय्या ने अल्पसंख्यक, पिछड़े तथा दलित समुदायों के बीच अपनी पैंठ जमाने का प्रयास किया था। मुस्लिम समुदाय भाजपा विरोधी होने के कारण अब दलित तथा पिछड़े वर्ग को संगठित करने की तैयारी की जा रही है।वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी मजबूत करने के लिए सिद्धरामय्या ने एक रणनीति के तहत राज्य के 224 विधानसभा क्षेत्रों में से अजा-जजा समुदायों के लिए आरक्षित क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने की योजना तैयार की है।
सिद्धरामय्या का तर्क है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के निर्देश पर उन्हें कुरुबा समुदाय से दूर करने का षड्यंत्र किया जा रहा है। अनूसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की मांग को लेकर कुरुबा समुदाय ने शक्ति प्रदर्शन किया गया था। इस सम्मेलन में उमड़ी भीड देखकर अब सिद्धरामय्या जवाबी कार्रवाई के तहत दलित तथा पिछड़ों के सम्मेलन आयोजित करने जा रहे हैं।ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने ट्विटर पर सिद्धरामय्या पर निशाना साधते हुए कहा कि जब सिद्धरामय्या मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने (सिद्धरामय्या) दलितों तथा पिछड़ों के लिए कुछ भी नहीं किया।
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