कांग्रेस आलाकमान के बुलावे पर सोमवार को दिल्ली जा रहे सिद्धरामय्या वहां पर एआईसीसी की अध्यक्ष सोनिया गांधी व पार्टी के महासचिव के. सी. वेणुगोपाल, अहमद पटेल सहित अन्य नेताओं से मिलेंगे। हाल में हुए उपचुनावों के परिणाम आने के बाद केपीसीसी के अध्यक्ष पद से दिनेश गुंडुराव व विपक्ष के नेता पद से सिद्धरामय्या ने त्यागपत्र दे दिए थे। पार्टी की इस हार के बाद प्रदेश के किसी भी नेता से मिलने के बजाय दूरी बनाकर रखने वाले आलाकमान ने अब उचित निर्णय करने की पहल की है।
स्थानीय नेताओं की राय है कि दिनेश गुंडुराव को हटाया जाना चाहिए और सिद्धरामय्या को विपक्ष के नेता के पद पर बहाल रखा जाना चाहिए। गत दिनों पार्टी के एक अन्य महासचिव मधुसूदन मिस्त्री ने राज्य के दौरे पर आकर प्रमुख नेताओं की राय जुटाई थी और अधिकतर नेताओं ने उनको गुंडुराव का पत्ता काटने की राय दी थी। हालांकि सिद्धरामय्या से अनेक नेताओं ने पद पर बने रहने का अनुरोध किया था लेकिन वे आलाकमान से मिलने के बाद ही इस बारे में अंतिम निर्णय करेंगे।
हालांकि प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में एम.बी.पाटिल, ईश्वर खंड्रे, रामलिंगा रेड्डी, के.एच. मुनियप्पा, डी.के.शिवकुमार, सतीश जारकीहोली, कृष्णा बैरेगौड़ा सहित कई नेता शामिल हैं पर किसी भी नेता का चयन करने से पहले सोनिया गांधी इस बारे में सिद्धरामय्या की राय लेने को अधिक महत्व दे रही हैं।हालांकि विपक्ष के नेता पद से लिए जी. परमेश्वर, एच.के.पाटिल सहित कई नेता लाबिंग कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने नेता बदलने के फिलहाल कोई संकेत नहीं दिए हैं।
बहरहाल, शनिवार को नई दिल्ली में हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में भी कर्नाटक सहित देश के कई राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करने का अधिकार सोनिया गांधी को दिया गिया हैष सोनिया गांधी मंगलवार से विदेश प्रवास पर जा रही हैं लिहाजा अगले दस दिनों तक प्रमुख निर्णय किए जाने की संभावना कम ही हैं। इसी वजह से उन्होंने सिद्धरामय्या को सोमवार को ही मिलने के लिए आने को कहा है। सोमवार को दिल्ली जा रहे सिद्धरामय्या मंगलवार को बेंगलूरु लौट आएंगे।प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बारे में सिद्धरामय्या की राय अहम है लिहाजा उनकी सोनिया गांधी से होने वाली मुलाकात का राजनीतिक महत्व बढ़ गया है।