सूत्रों के अनुसार सिद्धरामय्या ने बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को जन्म दिन पर बधाई देने के साथ ही एक घंटे तक प्रदेश की राजनीतिक गतिविधियों से संबंधित विस्तृत जानकारी दी। शीर्ष नेतृत्व को बताया कि अगर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ती तो दस से अधिक क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकती थी। मल्लिकार्जुन खरगे, केएच मुनियप्पा, वीरप्पा मोइली, ध्रुव नारायण, मुद्दे हनुमेेगौड़ा सहित कई दिग्गज नेताओं को हार नहीं झेलनी पड़ती।
सिद्धरामय्या ने बताया कि लोकसभा चुनाव के टिकट के बंटवारे को लेकर ही मतभेद पैदा होने लगे। जद-एस को जरूरत से ज्यादा टिकट दिए गए। पार्टी केवल दो तीन क्षेत्रों में प्रभाव रखती है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने पहले बेंगलूरु उत्तर और फिर तुमकूरु से चुनाव लडऩे का फैसला किया, इससे मतदाताओं में गलत संदेश गया।
दूसरी तरफ दोनों दलों ने नेता अपने कार्यकर्ताओं को विश्वास में लेने में विफल रहे। चुनाव प्रचार में भी दोनों दलों के दिग्गज नेताओं ने सक्रियता से भाग नहीं लिया। फिर गठबंधन दलों के नेताओं ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। इससे भाजपा को लाभ हुआ।
उन्होंने आइएमए मामले को लेकर बने राजनीतिक हालात की भी जानकारी आलाकमान को दी है। साथ ही मामले में विधायक आर रोशन बेग के लिप्त होने और कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल आदि नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करने की शिकायत की। सूत्रों के अनुसार सिद्धरामय्या ने दिनेश गुंडूराव को प्रदेश अध्यक्ष के पद से नहीं हटाने का सुझाव भी दिया।