scriptसिद्धू बोले, बजट केवल आंकड़ों का खेल नहीं | Sidhu says, budget is not just a game of data | Patrika News

सिद्धू बोले, बजट केवल आंकड़ों का खेल नहीं

locationबैंगलोरPublished: Feb 17, 2018 11:03:18 pm

मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने कहा कि मेरे जैसे एक सामान्य किसान के पुत्र को 13 बार बजट पेश करने का मौका मिलना मेरे लिए

CM Siddaramaiah

बेंगलूरु. मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने कहा कि मेरे जैसे एक सामान्य किसान के पुत्र को 13 बार बजट पेश करने का मौका मिलना मेरे लिए भाग्य होने के साथ यह देश के गणतंत्र की सुंदरता है। सिद्धू ने इसके लिए संविधान और संविधान निर्माण डॉ अम्बेडकर का भी आभार जताया।

उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में छठे वर्ष 2018-19 का बजट पेश करते हुए कहा कि उनके लिए बजट केवल आंकड़ों का खेल नहीं है। सरकार के इस बजट में राज्य के आम जनता के सपने छिपे हुए है। यह सरकार का नहीं बल्कि समस्त कर्नाटक के परिजनों का बजट है। बजट हमें विकास कार्यों का लक्ष हासिल करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश देता है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अर्थशास्त्र की कोई विशेष पढाई नहीं की लेकिन चार दशकों के राजनीति के संघर्षमय जीवन के तजुर्बे ने उनको बहुत कुछ सिखाया है। इस तजुर्बे के आधार पर ही उन्होंने सदन में अभी तक 13 बजट पेश किए है। क्रांतिकारी संत बसवेश्वर ही मेरे लिए अर्थशास्त्री है। राज्य के कोषागार में जो कर संग्रहण होता है। वह करदाताओं की गाढ़ी कमाई का हिस्सा होता है।

लिहाजा एक न्यासी के रूप में उन्होंने इस कोषागार में संग्रहित राशि राज्य के विकास के लिए काम आए इस बात का विशेष ध्यान रखा है। उन्होंने कहा कि आम आदमी का विकास ही बजट का केंद्र बिंदु है। बजट के माध्यम से नव कर्नाटक के निर्माण का सपना संजोया गया है। गत पांच बजट के दौरान कर्नाटक को भूख मुक्त करने के लिए विशेष कार्ययोजनाएं लागू की गई है।मुख्यमंत्री ने कहा कि एक किसान का पुत्र होने के नाते वे किसानों की समस्याओं से भलीभांति परिचित है।

इसलिए कृषि तथा किसानों की समस्याओं के स्थाई समाधान के लक्ष्य को लेकर ऋण माफी, कृषि भाग्य योजना, ब्याज रहित ऋण का वितरण, कृषि उपजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ विशेष प्रोत्साहन राशि जैसी कई अनूठी योजनाएं राज्य में लागू की गई है। 8,165 करोड़ रुपए की ऋण माफी का लाभ 22 लाख 27 हजार 506 किसानों को मिला है। स्वास्थ्य, सार्वजनिक शिक्षा तथा आवास विभाग में लागू योजनाओं को पूरे देश में सराहना मिली है। देश के कई राज्यों में ऐसी ही योजनाएं लागू करने की होड़ लगी है।

शांत तथा सुरक्षित कर्नाटक सबसे अधिक निवेश के मामले में देश का अग्रणी राज्य रहा है। कानून व्यवस्था तथा रोजगार सृजन के मामले में भी कर्नाटक एक मिसाल बन कर उभरा है। समाज के हर तबके को विकास की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं। ग्रामीण विकास तथा महिलाओं के सुदृढ़ीकरण कार्यक्रमों की देश में सराहना की जा रही है। आईटी निर्यात में राज्य आज भी अव्वल है।

जैविक प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भी राज्य देश में पहले स्थान पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017-18 में राज्य का सकल घरेलू उत्पादन (जीएसडीपी) की विकास दर वर्ष 2016-17 की तुलना में एक फीसदी वृद्धि के साथ 8.5 फीसदी तक पहुंच गई है। कृषि क्षेत्र की विकास दर 4.9 फीसदी रही है। उद्यम क्षेत्र की विकास दर 4.9 फीसदी तथा सेवा क्षेत्र की विकास दर 10.4 फीसदी तक पहुंचने की संभावना है। गत नवंबर 2016 में घोषित विमुद्रीकरण के फैसले के कारण आपूर्ति तथा मांग दोनों क्षेत्र प्रभावित हुए। जिसके परिणाम स्वरुप विकास की गति में अवरोधक पैदा हुआ। इस फैसले के कारण राज्य के राजस्व में काफी गिरावट दर्ज हुई। खासकर मुद्रांक तथा पंजीकरण शुल्क से संग्रहण में काफी गिरावट दिखाई दी। जीएसटी लागू करने के नियमों को लेकर लगातार हो रहें परिवर्तनों के कारण अभी भी राज्य में अपेक्षित कर संग्रहण नहीं हो रहा है।


सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत राज्य के 5 लाख 93 हजार सरकारी कर्मचारियों को 30 फीसदी वेतन वृद्धि का फैसला किया है। जिसके कारण राज्य के कोषागार पर 10,508 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा। पेंशन वृद्धि का लाभ 5.73 लाख पेंशनर्स को मिलेगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 के बजट का आकार 1 लाख 8 6 हजार 561 करोड़ रुपए था। वर्ष 2018-19 के बजट का आकार 2 लाख 09 हजार 18 1 करोड़ रुपए है।

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