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साधारण तरीके से हुए वर्षीतप के पारणे

locationबैंगलोरPublished: May 16, 2021 11:56:19 am

Submitted by:

Yogesh Sharma

जयनगर में हुआ आयोजन

साधारण तरीके से हुए वर्षीतप के पारणे

साधारण तरीके से हुए वर्षीतप के पारणे

बेंगलूरु. राजस्थान जैन मूर्तिपूजक संघ जयनगर में आचार्य देवेंद्रसागर सूरी की निश्रा में वर्षीतप पर्व अक्षय तृतीया शनिवार को संयम के साथ कोरोना गाइडलाइन के अनुशासन में मनाया गया। सुबह सबसे पहले तपस्वियों के हाथों भक्तामर के मंत्रो से परमात्मा का अभिषेक रोहित गुरु ने करवाया। पहला दूसरा तीसरा अभिषेक का लाभ क्रमश: प्रकाशचंद, जेठमल तुलेछा, मदनलाल, भूरमल रायगांधी, चंद्राबेन चंपालाल परिवार ने लिया। अकेले जयनगर जैन संघ में वर्षीतप के 10 साधक थे, जिनका वर्षीतप पूर्ण हुआ, जिनमें झवेरचंद, सुनितकुमार, रजनाबेन, पुष्पाबेन, मंजुबेन, मोहिनीबेन, चंदाबेन, प्रभाबेन आदि ने पारणा किया। कुछ साधकों के तो लगातार सातवां या दसवां इससे भी अधिक वर्षीतप रहा। सभी तपस्वियों को श्रेयांश कुमार बनके पारणा कराने का लाभ व गुरु पूजन करने लाभ प्रकाशचंद जेठमल तुलेछा परिवार ने लिया। पारणा के अंतर्गत आचार्य ने कहा की एक दिन छोडक़र एक दिन पूर्ण जैन उपवास के तप को वर्षीतप कहा जाता है। इसकी पूर्ति अक्षय तृतीया के दिन ही करने का विधान है। आमतौर पर वर्षीतप आराधकों का संत साध्वियों के सान्निध्य में भव्य अनुमोदना व पारणा महोत्सव होते हैं। शनिवार को लगातार दूसरे साल ऐसा मौका था, जबकि यह महोत्सव भी तप की तरह ही संयम अनुशासन में बदल गया। आचार्य ने ये भी कहा की कोरोना की महामारी की वजह से सरकार द्वारा जारी नियमों का ध्यान रखा गया। वर्षितप के पारणे सभी तपस्वियों ने अपने घर पर रहकर ही किया। जहां सम्भव हो सका समाजसेवियों द्वारा गन्ने की रस की व्यवस्था तपस्वियों के लिए की गई। जैन शिक्षित समुदाय है अत: कानून के दायरे में रहकर कोरोना की चैन तोडऩे के लिए इस महान पर्व को भी बड़े ही साधारण तरीके से घर पर रहकर ही मनाया गया ताकि देश के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वाह हो सके। इस अवसर पर अध्यक्ष चन्द्रकुमार संघवी, सचिव हीरालाल कोठारी, उपाध्यक्ष रूपचंद नानेसा, कोषाध्यक्ष भूरमल गांधी, रोहित गुरु आदि उपस्थित थे।
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