उन्होंने बताया कि लगातार 72 घंटे बिना ट्रिपिंग एवं व्यवधान के इकाई के ट्रायल पर चलने के बाद कोल फायरिंग शुरू की जाएगी। संभवतया: इकाई को शनिवार रात तक कोल पर सिंक्रोनाइज कर दिया जाएगा।
फरवरी में होगी वाणिज्यिक सिंक्रोनाइज होने के साथ इकाई में विद्युत उत्पादन शुरू हो जाएगा। फरवरी के अंत तक इकाई में वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य है। पांचवी इकाई के सिंक्रोनाइज होने के बाद छबड़ा थर्मल में विद्युत उत्पादन की क्षमता 1660 मेगावाट हो जाएगी। वर्तमान में छबड़ा सुपर थर्मल पावर प्लांट से 250-250 मेगावाट की चार इकाइयों से एक हजार मेगावाट विद्युत उत्पादन हो रहा है।
जापान से आए थे इंजीनियर्स पांचवीं इकाई को 2 अक्टूबर 16 को प्रथम बार ऑयल पर सिंक्रोनाइज किया था एवं जनवरी के प्रथम सप्ताह में इकाई को सिंक्रोनाइज करना था, लेकिन कुछ कार्य शेष रहने एवं सिंक्रोनाइजिंग की प्रक्रिया के दौरान तकनीकी खराबी आने से विलंब हुआ। इकाई की जांच के लिए हाल ही में जापान से भी इंजीनियर्स की टीम आई थी।