बेंगलूरु. तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक व विशिष्ट वैज्ञानिक के. सिवन
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के नए अध्यक्ष होंगे। वे आगामी 14 जनवरी को सेवानिवृत हो रहे वर्तमान इसरो अध्यक्ष ए.एस. किरण कुमार की जगह लेंगे।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने बुधवार को के. सिवन की नियुक्ति की मंजूरी दे दी। उनकी नियुक्ति तीन वर्षों के लिए हुई है। इसरो अध्यक्ष के साथ वे अंतरिक्ष विभाग के सचिव भी होंगे। के. सिवन स्वदेशी स्पेस शटल (आरएलवी-टीडी) और जीएसएलवी रॉकेट के परियोजना निदेशक रहे हैं। इन परियोजनाओं में सफलता का काफी श्रेय सिवन को जाता है। उन्होंने वर्ष 1982 में इसरो ज्वाइन किया और पीएसएलवी परियोजना से जुड़े। इसरो के प्रमुख रॉकेट पीएसएलवी, जीएसएलवी और जीएसएलवी मार्क-3 के डिजाइन और विकास में उनकी अहम भूमिका रही है। सिवन ने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से वर्ष 198 0 में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की उपाधि प्राप्त की थी। इसके बाद भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलूरु से वर्ष 1982 में एमई की किया। उन्होंने वर्ष 2006 में आईआईटी बाम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी भी किया। इसरो में सिवन ने कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दी हैं। फिलहाल वे तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक हैं। इससे पहले वे तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र (एलपीएससी) के भी निदेशक थे। अंतरिक्ष परिवहन प्रणाली के इंजीनियरिंग सिस्टम में उनके पास 30 वर्षों का व्यापक अनुभव है।
नियुक्ति की घोषणा के बाद
पत्रिका के साथ बातचीत में सिवन ने कहा कि ‘यह मेरे ऊपर एक बहुत बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। इस पद को डॉ विक्रम साराभाई और प्रो. यू. आर. राव जैसे कालजयी व्यक्तित्वों ने सुशोभित किया है। वर्तमान अध्यक्ष किरण कुमार ने भी इस पद की गरिमा को नई ऊंचाई पर पहुंचाया है। मुझे उम्मीद है कि सरकार और इसरो कर्मचारियों का पूरा सहयोग मिलेगा। फिलहाल मेरा पूरा
ध्यान पीएसएलवी सी-40 के प्रक्षेपण पर है। इस मिशन के पूरा होने के बाद आगे की कार्य योजना पर तैयार करेंगे।
गौरतलब है कि ए एस किरण कुमार ने 14 जनवरी 2015 को इसरो अध्यक्ष पद संभाला था। उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए हुई थी और वो आगामी 14 जनवरी को सेवानिवृत हो जाएंगे। के. राधाकृष्ण्न की नियुक्ति के बाद नए इसरो अध्यक्ष के चयन में देरी हुई थी और उस दौरान विभागीय सचिव को प्रभारी अध्यक्ष बनाया गया था। बाद में सरकार ने किरण कुमार को अध्यक्ष नियुक्त किया था। इससे पहले निवर्तमान अध्यक्ष की सेवानिवृति के पूर्व ही नए अध्यक्ष को नामित किए जाने की परंपरा थी।