विजयपुरा जिले के एक गांव में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसके बारे में सुनकर कोई भी भयभीत हो सकता है। यह अपने आप में एक विशेष किस्म का मामला है लेकिन कहा जा रहा है कि यह कभी भी कहीं भी हो सकता है।
पुलिस का कहना है कि जिले के सिंदगी तालुक में स्थित होसुरु गांव में यह घटना हुई, जिसमें छह माह के एक शिशु की घर में सोते समय छछूंदर (Mole) के काटने से उसकी मौत हो गई।
पुलिस का कहना है कि यह घटना बीती रात किसी समय हुई। गोलप्पा और उसकी पत्नी गीता अपने घर में छह माह के अबोध बच्चे के साथ सो रहे थे। बच्चे का अभी नामकरण तक नहीं किया गया था। रात को किसी समय छछूंदर ने बच्चे को काट लिया और उसकी अकाल मौत हो गई। इस मामले में कलकेरी पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
जानकारों को कहना है कि छछूंदर के सामने दो बड़े दांत होते हैं और घर में इसके होने से कई गंभीर खतरे खड़े हो सकते हैं। क्या होता है छछूंदर के काटने से
छछूंदर यदि बच्चों को काट ले तो उनके शरीर में उसका जहर फैसल सकता है। बताया जाता है कि छछूंदर जिस भी जानवर को काटता है या वह अपने शिकार को काटते है तो इसके दांत लगते ही शिकार को कुछ नहीं सूझता, मस्तिष्क में धुंध छा जाती है, सांस लेने में कष्ट होता है और इसके बाद उसे लकवा मार जाता है।
रात में छछूंदर आपके या आपके बच्चों के पैरों की अंगुलियां भी कुतर-कुतर के खा जाएगी तो आपको इसका पता भी नहीं चलेगा। इसका कारण यह कि यह अपने थूक से उतने हिस्से को सुन्न कर देती है।
यदि छछूंदर ने ज्यादा काटा है तो ‘एंटी रैबीज इंजेक्शन’ लगवाने पड़ते हैं। कुत्ता, बिल्ली, चमगादड़, चूहा, छछूंदर, नेवला, लोमड़ी, बाघ, शेर व अन्य स्तनपायी जानवरों के काटने पर लापरवाही बरतने से रैबीज होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे होने वाली बीमारी हाइड्रोफोबिया कहलाती है। हाइड्रोफोबिया होने से रोगी की मौत भी हो सकती है इसलिए आप छछूंदर को हल्के में न लें, यह एक खतरनाक जीव है।
रात में छछूंदर आपके या आपके बच्चों के पैरों की अंगुलियां भी कुतर-कुतर के खा जाएगी तो आपको इसका पता भी नहीं चलेगा। इसका कारण यह कि यह अपने थूक से उतने हिस्से को सुन्न कर देती है।
यदि छछूंदर ने ज्यादा काटा है तो ‘एंटी रैबीज इंजेक्शन’ लगवाने पड़ते हैं। कुत्ता, बिल्ली, चमगादड़, चूहा, छछूंदर, नेवला, लोमड़ी, बाघ, शेर व अन्य स्तनपायी जानवरों के काटने पर लापरवाही बरतने से रैबीज होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे होने वाली बीमारी हाइड्रोफोबिया कहलाती है। हाइड्रोफोबिया होने से रोगी की मौत भी हो सकती है इसलिए आप छछूंदर को हल्के में न लें, यह एक खतरनाक जीव है।