पहले इस योजना के तहत तीन मंजिला अपार्टमेंट (भूतल के अलावा) बनाने का प्रस्ताव था लेकिन अब चौदह मंजिली इमारतें (भूतल के अलावा) बनेंगी। सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद विधि व संसदीय कार्य मंत्री कृष्णा बैरे गौड़ा ने कहा कि इस फैसले से शहर में गरीबों के लिए मकानों की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी।
गौड़ा ने कहा कि भूमि की अनुपलब्धता और संसाधनों पर पडऩे वाले दबाव को कम करने के लिए योजना में बदलाव किया गया है। गौड़ा ने कहा कि इससे सरकार और लाभार्थियों पर पडऩे वाले भार का आकलन किया जा रहा है।
इसके बारे में लाभार्थियों को बता दिया जाएगा। गौड़ा ने कहा कि इस फैसले का मकसद उपलब्ध जमीन का उपयोग कर अधिक से अधिक गरीबों को मकान उपलब्ध कराना है। गौड़ा ने कहा कि योजना में बदलाव के कारण नए सिरे से निविदा आमंत्रित की जाएगी और फरवरी में इसका भूमि पूजन हो जाने की संभावना है।
गौड़ा ने कहा कि सरकार पहले ही इस योजना के तहत 50 हजार लाभार्थियों का चयन कर चुकी है और सरकारी सहायता के अलावा मकान के लिए बाकी राशि का इंतजाम लाभार्थियों को खुद करना होगा।
गौड़ा ने कहा कि इस योजना के तहत सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को 1.20 लाख और अजा-जजा वर्ग के लाभार्थियों को 2 लाख रुपए की सरकारी सहायता मिलेगी। बाकी राशि का भुगतान लाभार्थियों को करना पड़ेगा।
अगर लागत बढ़ती तो उसका भार ही लाभार्थियों को ही उठाना पड़ेगा। गौड़ा ने कहा कि सरकार इसके लिए केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना और राजीव गांधी आवास योजना के साथ ही राज्य के आंबेडकर और बसवेश्वर आवास योजना से भी संसाधन जुटाने की कोशिश कर रही है।