मुनि पूज्य सागर महाराज
श्रवणबेलगोला.भगवान बाहुबली के महामस्तकाभिषेक शुरू होने में चार दिन शेष हैं। इस बाबतसलमंगलवार को हासन की जिला कलेक्टर रोहिणी सिंधुरी ने सभा स्थल का जायजा लिया। उन्होंने महोत्सव समिति के साथ हर किसी को अभिषेक देखने का शांतिपूर्वक मौका मिलने की रणनीति पर विचार-विमर्श किया। इस बार के महामस्तकाभिषेक के लिए 12 करोड़ रुपए से जर्मन तकनीक से मंच तैयार हुआ है, जिस पर 5000 लोग एक साथ बैठ सकेंगे। इसमें 350 टन लोहे का इस्तेमाल हुआ है। इसके प्लेटफार्म पर दो लिफ्ट का निर्माण भी किया गया है, जिसका प्रयोग दिव्यांग एवं बुजुर्ग कर सकेंगे। इस मंच के निर्माण का काम अक्टूबर, 2016 से शुरू किया गया था। मंच का निर्माण जर्मनी की लेहर तकनीक से किया गया, जो कि जर्मन की “लेहर” कंपनी द्वारा निर्मित है। मंच के निर्माण से पूर्व इसका एक छोटा मॉडल जिला कलक्टर ऑफिस, हासन में बनाया गया था।
श्रवणबेलगोला.भगवान बाहुबली के महामस्तकाभिषेक शुरू होने में चार दिन शेष हैं। इस बाबतसलमंगलवार को हासन की जिला कलेक्टर रोहिणी सिंधुरी ने सभा स्थल का जायजा लिया। उन्होंने महोत्सव समिति के साथ हर किसी को अभिषेक देखने का शांतिपूर्वक मौका मिलने की रणनीति पर विचार-विमर्श किया। इस बार के महामस्तकाभिषेक के लिए 12 करोड़ रुपए से जर्मन तकनीक से मंच तैयार हुआ है, जिस पर 5000 लोग एक साथ बैठ सकेंगे। इसमें 350 टन लोहे का इस्तेमाल हुआ है। इसके प्लेटफार्म पर दो लिफ्ट का निर्माण भी किया गया है, जिसका प्रयोग दिव्यांग एवं बुजुर्ग कर सकेंगे। इस मंच के निर्माण का काम अक्टूबर, 2016 से शुरू किया गया था। मंच का निर्माण जर्मनी की लेहर तकनीक से किया गया, जो कि जर्मन की “लेहर” कंपनी द्वारा निर्मित है। मंच के निर्माण से पूर्व इसका एक छोटा मॉडल जिला कलक्टर ऑफिस, हासन में बनाया गया था।
पुस्तक ‘आगमेश्वर गोम्मटेश्वर’ एवं ‘श्रवणबेलगोला दर्शन (अंग्रेजी संस्करण)’ का विमोचन चामुंडराय मंडप में उपस्थित आचार्यों एवं संतों ने किया… इस दौरान बेंगलुरु से इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस के कुछ प्रोफेसर्स को भी बुलाया गया था। उनके द्वारा निर्माण कार्य में सहमति के बाद ही निर्माण को आगे बढ़ाया गया था। करीब 70 फीट ऊंचे इस मंच के निर्माण में जंगरोधक”रॉट आयरन” का इस्तेमाल किया गया है। खास बात यह है कि निर्माण के उपयोग में आने वाली साम्रगी को सालों बाद पुन: काम में लिया जा सकता है । प्लेटफॉर्म के निर्माण में प्लाईवुड का इस्तेमाल किया गया है। इसके ऊपर रबर का लेमिनेशन है, ताकि पानी या किसी भी द्रव्य गिरने से फिसलन नहीं हो। महामस्तकाभिषेक महोत्सव में चल रहे कार्यक्रमों की श्रंखला में मंगलवार को पुस्तक ‘आगमेश्वर गोम्मटेश्वर’ एवं ‘श्रवणबेलगोला दर्शन (अंग्रेजी संस्करण)’ का विमोचन चामुंडराय मंडप में उपस्थित आचार्यों एवं संतों ने किया।