अख्तर ने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार निर्माताओं ने उत्पादन शुरू कर दिया है। स्थिति को सामान्य होने में कुछ सप्ताह लेगेंगे। उन्होंने पीएचएएनए के अध्यक्ष से कहा है कि वे मांग का आकलन करें। इसके आधार पर विभाग समाधान निकालेगा।
मौजूदा व्यवस्था में सुवर्ण आरोग्य सुरक्षा ट्रस्ट की ओर से निजी अस्पतालों में रेफर किए गए मरीजों को ही सरकार रेमडेसिविर टीका उपलब्ध कराती है। हर मरीज को पांच दिन में छह खुराक की जरूरत पड़ती है।
पीएचएएनए के अध्यक्ष डॉ. प्रसन्ना एच. एम. ने बताया कि कॉर्पोरेट अस्पतालों में टीके की किल्लत नहीं है। छोटे अस्पतालों में कोविड के गंभीर मरीजों की संख्या अचानक बढऩे से समस्या खड़ी हुई है। गत वर्ष केवल गंभीर मरीजों को यह टीका लगाया गाया था। इस बार कोविड जनित निमोनिया व सांस की अन्य समस्याओं के साथ अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को भी रेमडेसिविर टीके की जरूरत पड़ रही है।
पीएचएएनए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आर. रविंद्र ने बताया कि बेंगलूरु के अस्पताल में हर सप्ताह 12-15 हजार डोज की कमी पड़ रही हैं। टीके की किल्लत है।
जरूरतमंद मरीजों के कल्याण के लिए कार्यरतगैर सरकारी संस्थान नसीह फाउंडेशन के सबील नजीर ने बताया कि समस्या देश भर में है। टीका निर्माताओं ने इतनी जल्दी मरीजों की संख्या बढऩे की उम्मीद नहीं की थी। जानकारी के अनुसार मांग के अनुसार आपूर्ति में करीब दो सप्ताह लग सकते हैं।