चिडिय़ाघर को गोद लें अभियान के तहत जेडएके ने बीबीबीपी (Bengaluru Bannerghatta Biological Park) और मैसूरु जैसे बड़े चिडिय़ाघरों (Mysuru Zoo) को छोटे चिडिय़ाघरों की मदद करने की अपील भी की है। मदद आर्थिक हो सकती है या फिर बड़े चिडिय़ाघर वन्यजीव दान कर छोटे चिडिय़ाघरों की मदद कर सकते हैं। मैसूरु चिडिय़ाघर गदग चिडिय़ाघर (Gadag Zoo) की मदद कर रहा है। बीबीबीपी ने हाल ही में कित्तूर रानी चेनम्मा मिनी चिडिय़ाघर को तीन शेर भेजे थे जबकि एक बाघ (Lion and Tiger) भेजा जाना है।
वन्यजीवों के प्रति जागरूक
जेडएके के निदेशक बी. पी. रवि ने बताया कि सरकारी परिषद का निर्णय था कि बड़े चिडिय़ाघर छोटे चिडिय़ाघरों की मदद करेंगे। इससे छोटे चिडिय़ाघरों का विकास होगा और आम लोग भी वन्यजीवों के प्रति जागरूक हो सकेंगे।
छोटे चिडिय़ाघरों की जरूरतों को समझने के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर भेजा जा रहा है। पशु चिकित्सक भी समय-समय पर छोटे चिडिय़ाघरों का दौरा करते हैं।
फंड के साथ सुविधाओं की भी कमी
रवि ने बताया कि बड़ी संख्या में हाथी होने के बावजूद बीबीबीपी छोटे चिडिय़ाघरों को इन्हें तोहफे में नहीं देगा। गदग, शिवमोग्गा, हम्पी, बेलगावी, कलबुर्गी और दावणगेरे के चिडिय़ाघरों के पास फंड के साथ सुविधाओं की भी कमी है।