केएसपीसीबी जल्द ही इस योजना को लागू करने की व्यवहार्यता पर विचार करने के लिए बैठक कर सकता है। हालांकि जानकारों का मानना है कि इस योजना को क्रियान्वित होने में कई प्रकार की चुनौतियां हैं। चूंकि पूरा मामला धार्मिक भावनाओं से जुड़ा है, इसलिए इसकी सामाजिक और धार्मिक संवेदनशीलता को देखते हुए कई पक्ष प्रतिमाओं की ऊंचाई तय करने के सुझाव का विरोध कर सकते हैं। ऐसे में केएसपीसीबी अपनी योजना से पीछे हट सकता है।
पीओपी प्रतिमाओं की अनुमति नहीं
पर्यावरण और जल संरक्षण को ध्यान में रखकर प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से निर्मित प्रतिमाओं के निर्माण और बेचने पर रोक को लेकर केएसपीसीबी ने सख्ती बरतने की योजना बनाई है। केएसपीसीबी ने निर्णय लिया है कि जो लोग पीओपी प्रतिमाओं का निर्माण करेंगे या बेचेंगे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में राज्य के सभी उपायुक्तों और नगरपालिकाओं को निर्देश जारी किया गया है कि वे अपने क्षेत्र में ऐसे निर्माताओं और विक्रेताओं की पहचान करें और उन्हें बंद कराएं।
पर्यावरण और जल संरक्षण को ध्यान में रखकर प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से निर्मित प्रतिमाओं के निर्माण और बेचने पर रोक को लेकर केएसपीसीबी ने सख्ती बरतने की योजना बनाई है। केएसपीसीबी ने निर्णय लिया है कि जो लोग पीओपी प्रतिमाओं का निर्माण करेंगे या बेचेंगे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में राज्य के सभी उपायुक्तों और नगरपालिकाओं को निर्देश जारी किया गया है कि वे अपने क्षेत्र में ऐसे निर्माताओं और विक्रेताओं की पहचान करें और उन्हें बंद कराएं।
एक लाख प्रतिमाएं बेचने की तैयारी में केएसपीसीबी
पर्यावरण हितैषी प्रतिमाओं की सुलभ उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए केएसपीसीबी ने कुछ स्वयंसेवी संगठनों (एनजीओ) के साथ मिलकर मिट्टी से बनी प्रतिमाएं बेचने की योजना बनाई है। हालांकि ये प्रतिमाएं कहां बेची जाएंगी इस पर निर्णय लेना शेष है। माना जा रहा है कि सरकारी स्कूलों, मंदिरों, प्रमुख सरकारी कार्यालयों, पार्कों आदि में प्रतिमाएं बेची जा सकती हैं। इनकी कीमत १०० से ५०० रुपए के बीच होगी जो उनके आकार पर निर्भर होगा।
पर्यावरण हितैषी प्रतिमाओं की सुलभ उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए केएसपीसीबी ने कुछ स्वयंसेवी संगठनों (एनजीओ) के साथ मिलकर मिट्टी से बनी प्रतिमाएं बेचने की योजना बनाई है। हालांकि ये प्रतिमाएं कहां बेची जाएंगी इस पर निर्णय लेना शेष है। माना जा रहा है कि सरकारी स्कूलों, मंदिरों, प्रमुख सरकारी कार्यालयों, पार्कों आदि में प्रतिमाएं बेची जा सकती हैं। इनकी कीमत १०० से ५०० रुपए के बीच होगी जो उनके आकार पर निर्भर होगा।