वायुसेना परेशान, पायलटों की नींद उड़ा रहा सोशल मीडिया
बैंगलोरPublished: Sep 14, 2018 07:21:27 pm
नींद पूरा नहीं करने वाले पायलटों की पहचान के लिए तंत्र विकसित करे आइएएम-नींद पूरा नहीं करने वाले पायलटों की पहचान के लिए तंत्र विकसित करे आइएएम
वायुसेना परेशान, पायलटों की नींद उड़ा रहा सोशल मीडिया
बेंगलूरु. रात के समय सोशल मीडिया पर लंबा समय बिताना वायुसेना के पायलटों को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। यहां शुक्रवार को 57 वें भारतीय वांतरिक्ष सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद वायुसेना अध्यक्ष बीएस धनोआ ने कहा कि लंबे समय तक जागते रहने और नींद पूरी नहीं होने से युद्धक पायलटों की कार्यक्षमता भी प्रभावित हो रही है।
वायुसेना के समक्ष इस नई चुनौती को बेबाकी से स्वीकार करते हुए धनोआ ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (आईएएम) से अपील की कि वे एक ऐसी व्यवस्था या तंत्र विकसित करें जिससे उड़ान भरनेे से पहले उन पायलटों की पहचान की जा सके जिसने नींद पूरी नहीं की है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया आजकल संचार का आधार स्तंभ बन गया है। लेकिन, वास्तव में इससे एक-दूसरे के साथ पारस्परिक संचार का कौशल गायब हो रहा है।
धनोआ ने मजाकिया अंदाज में कहा कि पहले अगर किसी ने थोड़ी शराब पी ली तो बार अटेंडर उसे पहचान लेता था। अगर वह नहीं भी पहचान पाया तो दूसरे लोग जान जाते थे और उसे उड़ान पर नहीं जाने दिया जाता था। अब तो ऐसे उपकरण (ब्रेथ एनालाइजर) भी हैं जिससे यह आसानी से पता चल जाता है। लेकिन, आज हमें एक ऐसी प्रणाली की आवश्यकता है जो यह बता सके कि पायलट ने नींद पूरी की है या नहीं।
वायुसेना अध्यक्ष ने कहा कि सोशल मीडिया पायलटों की नींद ***** कर रहा है क्योंकि अधिकांश पायलट रात में ही इस पर सक्रिय होते हैं। ऐसा लगता है कि हर कोई खाली वक्त में देर रात तक सोशल मीडिया पर रहना चाहता है जिससे वह देर तक जागता है। गर्मियों में देश के कई क्षेत्रों में तापमान 40 डिग्री तक पहुंचता है इसलिए अधिकांश पायलटों को सुबह के समय ही नियमित उड़ान पर जाना होता है। इसके लिए उड़ान ब्रीफिंग सुबह 6 बजे होती है। लिहाजा, पायलटों को जल्दी सोने की हिदायत दी जाती है ताकि नींद पूरी कर पहुंचें। उन्होंने आइएएम के चिकित्सकों से इस पर ध्यान देने को कहा। धनोआ ने कहा कि इस समस्या के चलते वर्ष 2013 में एक घातक दुर्घटना घट चुकी है। जब घटना की जांच हुई तो पता चला कि पायलट ने लगातार नींद पूरी नहीं की और इसी कारण दुर्घटना घटी।