केएसइइबी (Karnataka Secondary Education Examination Board) की निदेशक वी. सुमंगला ने बताया कि वायरल पर्चे का असल पर्चे से मिलान किया गया है जो पर्चा फर्जी निकला। उन्होंने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व केएसइइबी को बदनाम करने की कोशिश में लगे हैं। कुछ विद्यार्थी भी इसमें शामिल हो सकते हैं। हालांकि पुलिस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग ने ऐसे लोगों से निपटने के लिए इनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का निर्णय लिया है। अफवाहों के पीछे किसी परीक्षार्थी के होने की स्थिति में उसे परीक्षा देने से रोक दिया जाएगा।
अफवाह भी माना जाएगा कदाचार
विभाग के प्रधान सचिव एसआर उमाशंकर ने बताया कि अफवाह फैलाना भी कदाचार (Malpractice) माना जाएगा। एसएसएलसी और पीयूसी बोर्ड जल्द ही इसका उल्लेख अपनी वेबासाइट पर करेंगे। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले परीक्षा के आयोजन व सुरक्षा उपायों को लेकर प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस. सुरेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इस पर सहमति बनी थी। गत वर्ष भी पर्चा लीक होने की गलत खबर वायरल कर विद्यार्थियों, केएसइइबी और शिक्षा विभाग को गुमराह करने की पूरी कोशिश की गई थी। इसलिए विभाग ने अब अफवाहों को कदाचार घोषित करने का निर्णय लिया है।
केंद्रों व ट्रेजरी की सुरक्षा कड़ी
उमाशंकर ने बताया कि अफवाहों की पृष्ठभूमि में पुलिस विभाग को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि उन सभी केंद्रों व ट्रेजरी की सुरक्षा कड़ी कर दी जा जाए जहां प्रश्न पत्र (Question Paper) रखे गए हैं। पुलिस विभाग के अनुसार सभी जिलों में साइबर सेल (Cyber Cell) भी सक्रिय रहेगा। हर केंद्र पर पैनी नजर रहेगी। परीक्षा केंद्र में कहीं भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित है। परीक्षार्थियों सहित परीक्षा के आयोजन में शामिल किसी भी अधिकारी या कर्मचारी तक को मोबाइल रखने की इजाजत नहीं होगी। पुलिस से, इससे पहले की परीक्षा के प्रश्न पत्रों को लीक करने या फिर लीक की अफवाह फैलाने वाले आरोपियों को ऐहतियातन हिरासत में लेने की अपील की गई है।
प्रश्न पत्र आपूर्ति के तरीकों से नाखुश केएएमएस
मंगलवार को गणित का पर्चा हुआ। लेकिन, इसी दिन पर्चा सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जबकि अगले दिन बुधवार को अंग्रेजी के पर्चे के कुछ घंटे पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल होने की खबर आई।17 फरवरी को शुरू हुई इस परीक्षा का आयोजन प्रदेश के 12 हजार 536 स्कूलों में हो रहा है। जिस प्रकार से परीक्षा केंद्रों में प्रश्न पत्रों की आपूर्ति हो रही उस पर एसोसिएटेड मैनेजमेंट ऑफ इंग्लिश मीडियम स्कूल्स इन कर्नाटक (केएएमएस) ने सवाल उठाया है। केएएमएस के महासचिव डी. शशिकुमार ने बताया कि कचरा फेंकने में इस्तेमाल थैलियों में टेप से बांध कर प्रश्न पत्रों की आपूर्ति हो रही है। हालांकि केएसइइबी के अधिकारियों का कहना है कि प्रश्न पत्र आपूर्ति संबंधित सभी नियमों को पालन हो रहा है।
आयोजकों पर सवालिया निशान
गौरतलब है कि केएसइइबी पहली बार प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन कर रहा है। इससे पहले तक परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक संघ की थी। केएसइइबी के अधिकारियों का तर्क है कि प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के आयोजन में काफी अंतर है। मुख्य परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक होने की कोई संभावना नहीं है। वहीं, शिक्षाविदों का कहना है कि परीक्षा का आयोजन केएसइइबी कर रहा है। परीक्षा चाहे कोई भी हो, प्रश्न पत्र लीक जैसी घटना आयोजकों पर सवालिया निशान है। परीक्षा प्रणाली से विद्यार्थियों को विश्वास उठता है।