सौर ऊर्जा पैनल पर Bangalore University ने करोड़ों रुपए खर्च किए हैं। विवि के कुलपति प्रो. केआर वेणुगोपाल ने कहा कि करोड़ों का निवेश व्यर्थ होने के साथ-साथ बहूमूल्य 500 किलोवाट सौर ऊर्जा की बरबादी चिंता की बात है। योजना लागू करते समय किए गए वादों के मुताबिक बेसकॉम को यहां पर उत्पादित अतिरिक्त बिजली खरीदनी चाहिए। इस मांग को लेकर बेसकॉम के साथ कई बार पत्र-व्यवहार किया गया है, लेकिन अभी तक बेसकॉम की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला है। अब उन्होंने बेसकॉम के प्रबंध निदेशक से संपर्क करने का मन बनाया है।
बेसकॉम की ओर से स्थापित सौर ऊर्जा पैनल से उत्पादित बिजली का उपयोग करने की अनुमति नहीं मिलने से गत 10 माह से सैकड़ों किलोवाट बिजली व्यर्थ हो रही है। अगर इसके उपयोग करने की अनुमति मिलती है तो विश्वविद्यालय को बिजली शुल्क में भुगतान से मुक्ति मिल सकती है। ज्ञानभारती विवि कैंपस को प्रति माह 300 किलोवाट बिजली की आवश्यकता है। यहां उत्पादित अतिरिक्त 200 किलोवाट सौर ऊर्जा बेसकॉम खरीदे तो विवि को प्रति माह आय भी हो।
अभी बेंगलूरु विवि ज्ञानभारती कैंपस में बिजली की आपूर्ति के लिए बेसकॉम को प्रति माह 20 लाख रुपए का भुगतान कर रही है। इस इकाई से विवि को प्रति वर्ष 2 करोड़ 40 लाख रुपए बिजली शुल्क की बचत हो सकती है। सौर ऊर्जा का उत्पादन करने वाला बेंगलूरु विवि राज्य का पहला विश्वविद्यालय है।