आचार्य महाश्रमण के चिंतन में समस्याओं का समाधान: मुनि सुधाकर
कहा, खोज सकते हैं नक्सलवाद का समाधान

बेंगलूरु. मुनि सुधाकर ने मंड्या में धर्म सभा में कहा कि आचार्य महाश्रमण की यात्रा भारतवर्ष के लिए कल्याणकारी है। आचार्य का चिंतन अहिंसा, अपरिग्रह और अनेकांत से परिपूर्ण है। उनका चिंतन वैश्विक समस्याओं का समाधान देने में सक्षम है। लाखों किलोमीटर की पदयात्रा कर उन्होंने मानव जाति के कल्याण के लिए अथक परिश्रम किया है। वह मानवता के मसीहा हैं। वह अखंड भारत के प्रबल समर्थक है उनकी अहिंसा यात्रा का भारत सरकार व राज्य सरकारों को लाभ लेना चाहिए।
मुनि ने कहा कि छत्तीसगढ़ के नक्सलवाद प्रभावित इलाके में आचार्य महाश्रमण यात्रा कर रहे हैं जो उनके शांतिदूत अलंकरण को चरितार्थ कर रही है। समय रहते यदि सरकार इस ओर ध्यान देती है तो नक्सलवाद की समस्या का समाधान खोजा जा सकता है। क्योंकि आचार्य का मानना है व्यक्ति को खत्म करने से बुराई खत्म नहीं होगी। बुराई को खत्म करने से स्वस्थ व्यक्ति का निर्माण होगा।
मुनि नरेश कुमार ने कहा कि मनुष्य जीवन दुर्लभ है हमें मनुष्य जीवन का आध्यात्मिक साधना करके लाभ उठाना चाहिए।
तेरापंथ सभा मंड्या के तत्वावधान में मंगल भावना समारोह समायोजित किया गया जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा नमिता भंसाली, कन्या मंडल अध्यक्ष रितु दक सहित कई व्यक्तियों ने विचार व्यक्त किए। संचालन सभा के मंत्री नरेंद्र दक ने किया।
तेरापंथ युवक परिषद, हनुमंतनगर के मंत्री धर्मेश कोठारी ने बताया कि मुनि सोमवार को श्रीरंगपट्टण पहुंचेंगे। बाद में मुनि का विहार श्रवणबेलगोला की ओर होगा।
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