माना जा रहा है कि खरगे को केएच मुनियप्पा और वीरप्पा मोइली जैसे वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है। यह दोनों नेता भी पिछली बार लोकसभा चुनाव में जीत का मुंह नहीं देख पाए थे और उम्मीदवारी को लेकर लॉबिंग कर रहे थे।
खरगे का चुना जाना तय
बता दें कि कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस के 68 विधायक हैं और पार्टी आसानी से एक उम्मीदवार को राज्यसभा के लिए चुन सकती है। जेडी-एस की ओर से कांग्रेस से अतिरिक्त वोटों के हस्तांतरण का अनुरोध किया गया है। पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा को उच्च सदन के लिए चुना जाना सुनिश्चित करना चाहती है।
बता दें कि कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस के 68 विधायक हैं और पार्टी आसानी से एक उम्मीदवार को राज्यसभा के लिए चुन सकती है। जेडी-एस की ओर से कांग्रेस से अतिरिक्त वोटों के हस्तांतरण का अनुरोध किया गया है। पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा को उच्च सदन के लिए चुना जाना सुनिश्चित करना चाहती है।
वहीं राज्य में सत्ताधारी भाजपा अपने विधायकों के दम पर दो उम्मीदवारों का चुनाव कर सकती है।
कहा जाता है कि प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने भी खरगे के नाम का समर्थन किया है।
बता दें कि मल्लिकार्जुन खरगे प्रमुख दलित नेता माने जाते हैं। राज्यसभा चुनाव 19 जून को होगा।
कहा जाता है कि प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने भी खरगे के नाम का समर्थन किया है।
बता दें कि मल्लिकार्जुन खरगे प्रमुख दलित नेता माने जाते हैं। राज्यसभा चुनाव 19 जून को होगा।