scriptस्पीकर ने लिया बड़ा फैसला, अयोग्य ठहराए गए 14 बागी विधायक | Speaker made big decision, disqualified 14 rebel MLAs | Patrika News

स्पीकर ने लिया बड़ा फैसला, अयोग्य ठहराए गए 14 बागी विधायक

locationबैंगलोरPublished: Jul 28, 2019 06:44:16 pm

ना लड़ सकेंगे उपचुनाव, ना ही बन सकेंगे मंत्री या बोर्ड, निगम के अध्यक्ष
अयोग्य विधायकों की कुल संख्या 17 हुई
येडियूरप्पा का बहुमत परीक्षण कल

bangalore news

स्पीकर ने लिया बड़ा फैसला, अयोग्य ठहराए गए 14 बागी विधायक

बेंगलूरु. कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने रविवार को दल-बदल विरोधी कानून के तहत 14 और असंतुष्ट विधायकों को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया। इससे पहले 25 जुलाई को वह 3 विधायकों को अयोग्य ठहरा चुके हैं। अयोग्य करार दिए गए सभी 17 विधायकों में से 13 कांग्रेस के, 3 जनता दल-एस के है। वहीं एक निर्दलीय हैं, जिन्होंने हाल ही में कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की थी।
स्पीकर रमेश कुमार का यह फैसला ऐसे समय आया है जबकि अगले दिन यानी सोमवार को मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा को विधानसभा में बहुमत साबित करना है। उन्होंने सुबह 11.30 बजे एक विशेष संवाददाता सम्मेलन बुलाकर इसकी घोषणा की।
उन्होंने कहा कि फैसला करने में अपने न्यायिक विवेक का इस्तेमाल किया। हालांकि, एक विधायक श्रीमंत पाटिल ने इस्तीफा नहीं दिया था, लेकिन वे विश्वासमत के दौरान सदन में मौजूद नहीं रहे। वे मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती थे, जहां उनका इलाज चल रहा था। इसकी सूचना उन्होंने ई-मेल द्वारा स्पीकर को दी थी।
स्पीकर ने स्पष्ट किया कि इन्हें मौजूदा पंद्रहवीं विधानसभा की मियाद पूरी होने तक अयोग्य करार दिया जाता है, जो मई 2023 तक है। अब ये ना तो मंत्री या किसी बोर्ड-निगम का अध्यक्ष बन पाएंगे और ना ही 15वीं विधानसभा में उप चुनाव लड़ पाएंगे। अगर विधानसभा भंग होती है और 16 वीं विधानसभा का चुनाव 2023 से पहले होता है तो तो चुनाव लड़ सकते हैं। इससे पहले वर्ष 2010 में भाजपा के शासनकाल में स्पीकर केजी बोपय्या ने 16 विधायकों को एक साथ अयोग्य ठहराया था।
अब सुप्रीम कोर्ट जाएगी लड़ाई
स्पीकर द्वारा अयोग्य करार दिए गए विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही है। अयोग्य करार दिए गए जद-एस विधायक एएच विश्वनाथ तथा अन्य ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है। वहीं, पहले अयोग्य करार दिए गए रमेश जारकीहोली, महेश कुमटहल्ली और आर. शंकर पहले ही सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुके हैं।
सियासी गणित भाजपा के पक्ष में
स्पीकर द्वारा कुल 17 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने से बीएस येडियूरप्पा के नेतृत्व में भाजपा सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। दरअसल, 225 सदस्यीय विधानसभा में अब सदस्यों की संख्या 208 रह गई है और बहुमत का आंकड़ा 105 है। भाजपा के खेमे में 105 विधायक हैं और उसे एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन हासिल है। ऐसे में भाजपा को बहुमत साबित करने में कोई परेशानी नहीं होगी।
येडियूरप्पा का बहुमत परीक्षण कल
सोमवार को विधानसभा का सत्र आहूत किया किया गया है, जिसमें येडियूरप्पा विश्वासमत हासिल करेंगे। विश्वासमत के बाद वित्त विधेयक भी पेश किया जाएगा। विधानसभा परिसर के आसपास 200 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। आत्मविश्वास से भरे येडियूरप्पा ने रविवार को कहा कि ‘सोमवार को मैं सौ प्रतिशत अपना बहुमत साबित कर दूंगा। मैं इस बारे में पूरी तरह से आश्वस्त हूं।’ उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस व जद-एस की पिछली सरकार द्वारा तैयार वित्त विधेयक को ही विधानसभा में पेश करेंगे।
रविवार को अयोग्य करार दिए गए विधायक
1. एएच विश्वनाथ (हुणसूर, जद-एस)
2. शिवराम हेब्बार (येल्लापुर, कांग्रेस)
3. एसटी सोमशेखर (यशवंतपुर, कांग्रेस)
4. बैरती बसवराज (केआरपुरम, कांग्रेस)
5. बीसी पाटिल (हिरिकेरूर, कांग्रेस)
6 . प्रताप गौड़ा पाटिल (मस्की, कांग्रेस)
7. नारायण गौड़ा (केआर पेट, जद-एस)
8 . के. गोपालय्या (महालक्ष्मी लेआउट, जद-एस)
9. मुनिरत्ना (राजराजेश्वरी नगर, कांग्रेस)
10. आर. रोशन बेग (शिवाजी नगर, कांग्रेस)
11. एमटीबी नागराज (होसकोटे, कांग्रेस)
12. के. सुधाकर (चिकबल्लापुर, कांग्रेस)
13. आनंद सिंह (विजयनगर, कांग्रेस)
14. श्रीमंत पाटिल (कागवाड़, कांग्रेस)
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो