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विधायक को सदन से अनुपस्थित रहने की स्पीकर से अनुमति लेना अनिवार्य

locationबैंगलोरPublished: Jul 18, 2019 12:13:15 am

Submitted by:

Rajendra Vyas

कृष्ण बैरेगौड़ा ने की स्पीकर से मुलाकात
कांग्रेस तथा जद-एस की ओर से व्हिप जारी करने के बावजूद सदन में गैर रहनेवाले विधायकों के खिलाफ स्पीकर से शिकायत करने का फैसला

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विधायक को सदन से अनुपस्थित रहने की स्पीकर से अनुमति लेना अनिवार्य

बेंगलूरु. ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री कृष्ण बैरेगौड़ा ने कहा है कि सदन के नियमों के अनुसार किसी विधायक को सदन में अनुपस्थित रहने के लिए स्पीकर की अनुमति लेना अनिवार्य है।
यहां बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि विधानसभ अध्यक्ष के अनुमति के बगैर अनुपस्थित रहने वाले विधायकों के खिलाफ कार्रवाई संभव है। कांग्रेस तथा जद-एस की ओर से व्हिप जारी करने के बावजूद सदन में गैर रहनेवाले विधायकों के खिलाफ स्पीकर से शिकायत करने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि अपने-अपने विधायकों की सत्र के दौरान उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए व्हिप जारी करना विधायक दल का अधिकार है। सत्र के दौरान विधायकों की अनुपस्थिति की स्थिति में कार्रवाई के बारे में कानून विदों के साथ विचार-विमर्श किया जा रहा है।
स्पीकर के अधिकारों में कटौती की : कांग्रेस
बैरेगौड़ा ने फैसले के संदर्भ में कहा कि पार्टी गुरुवार को शक्ति परीक्षण के दौरान सदन की कार्यवाही में भाग लेने के लिए कांग्रेस के बागी विधायकों को व्हिप जारी करेगी। उन्होंने कहा कि स्पीकर से भेंट के दौरान हमने यह मसला उठाया कि क्या सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस विधायक दल पर अपने सदस्यों को व्हिप जारी करने पर कोई रोक लगाई है? रमेश कुमार ने स्पष्ट किया है कि सुप्रीम कोर्ट किसी राजनीतिक पार्टी के अपने सदस्यों को व्हिप जारी करने के अधिकार को छीन नहीं सकता।
उन्होंने बताया कि स्पीकर ने इस संबंध में एक पत्र पेश करने का हमें सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश से पार्टी से चुने गए विधायकों को व्हिप जारी करने का अधिकार छिन जाता है। यह पार्टी विधायक दल का अधिकार है। इस बारे में स्पष्टीकरण मांगने पर स्पीकर ने याचिका पेश करने की स्थिति में विचार करने को कहा है।
उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि त्यागपत्र देने वाले विधायकों की याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस-जद-एस की दलीलों को सुना तक नहीं ना ही हमें पक्षकार बनाया गया जिसकी वजह से हमारी राय पेश कर पाना संभव नहीं हुआ। लिहाजा कानूनी विशेषज्ञों की राय लेकर दोनों ही दल कल तक किसी नतीजे पर पहुंचेंगे।
शंकर को अयोग्य ठहराने की मांग
इससे पहले कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरामय्या व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के नेतृत्व में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी स्पीकर से भेंट की और सुबह में जारी किए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर विचार विमर्श किया। सिद्धरामय्या ने इस दौरान निर्दलीय विधायक आर. शंकर को सदस्यता से अयोग्य ठहराने के संबंध में स्पीकर को एक पत्र सौंपा। अपने पत्र में सिद्धरामय्या ने कहा कि निर्दलीय सदस्य के तौर पर चुने गए शंकर ने हाल में मंत्रिमंडल में शामिल होने से पहले अपनी पार्टी केपीजेपी को कांग्रेस में विलीन कर लिया था लिहाजा वह भी कांग्रेस के ही सदस्य हैं।
भाजपा सदस्य भी स्पीकर से मिले
कांग्रेस के नेताओं के स्पीकर से भेंट करने के बाद भाजपा के केजी. बोपय्या, बसवराज बोम्मई, मधुस्वामी ने भी स्पीकर के कक्ष में जाकर कुछ समय तक उनके साथ चर्चा की। बैठक के बाद बोपय्या ने कहा कि यह एक शिष्टाचार भेंट थी और हमने स्पीकर के साथ गुरुवार को होने जा रही सदन की कार्यवाही के संबंध में चर्चा की है।

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