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एसएसएलसी परीक्षा : शत-प्रतिशत अंक ला बेटे ने किया गौरवान्वित… बचपन में उठा पिता का साया, अमित को मां ने मजदूरी कर पढ़ाया

locationबैंगलोरPublished: May 20, 2022 01:03:12 am

Submitted by:

Satish Sharma

विजयपुर जिले के जुमानल गांव के सरकारी स्कूल के अमित एम. ने 625 में से 625 अंक प्राप्त किया है। इस सफलता का श्रेय वह अपनी मां और शिक्षकों को देता है।

एसएसएलसी परीक्षा : शत-प्रतिशत अंक ला बेटे ने किया गौरवान्वित... बचपन में उठा पिता का साया, अमित को मां ने मजदूरी कर पढ़ाया

एसएसएलसी परीक्षा : शत-प्रतिशत अंक ला बेटे ने किया गौरवान्वित… बचपन में उठा पिता का साया, अमित को मां ने मजदूरी कर पढ़ाया

बेंगलूरु. विजयपुर जिले के जुमानल गांव के सरकारी स्कूल के अमित एम. ने 625 में से 625 अंक प्राप्त किया है। इस सफलता का श्रेय वह अपनी मां और शिक्षकों को देता है। यह सफलता उसके लिए और भी खास है क्योंकि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद उसने हार नहीं मानी और कड़ी मेहनत से साबित कर दिया कि हौसले बुलंद हों तो, चुनौतियों से निपटा जा सकता है।
जन्म के कुछ माह में ही अमित के सिर से उसके पिता का साया छीन गया था। इसके बाद मां महादेवी ही उसकी दुनिय रहीं। मजदूरी कर मां ने अमित सहित बहन और भाई को भी पढ़ाया। मां के अनुसार वे जानती थीं कि शिक्षा में वो ताकत है, जो किसी की भी जिंदगी बदल सकती है। इसलिए, उन्होंने हर हाल में बच्चों को पढऩे के लिए प्रेरित किया और पढ़ाई के लिए जो हो सका किया।
अमित की बड़ी बहन अभिलाषा ने बताया कि अमित शुरू से ही मेहनती और दृढ़ संकल्पी रहा है। वह रोजाना ८ से १० घंटे पढ़ाई करता था। मेहनत रंग लाई।
अमित के स्कूल के शिक्षक पी.ए. रुद्र गौड़ा ने बताया कि अमित ने छुट्टियों और लॉकडाउन की अवधि में भी खुद को पढ़ाई के लिए समर्पित कर दिया। लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद थे तो वह शिक्षकों को पढ़ाने के लिए वीडियो कॉल करता था। ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होने के लिए स्मार्ट फोन तक नहीं था। लेकिन, उसके दोस्त अपना फोन देकर उसकी मदद करते थे।
अमित ने बताया कि वह चिकित्सक बन गरीबों की सेवा करना चाहता है। उसके शिक्षक चाहते हैं कि वह आइएएस अधिकारी बने। इसके लिए भी वह कड़ी मेहनत करेगा।
शिक्षक पिता ने कभी नहीं डाला दबाव
ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाली भूमिका बी. आर. ने भी एसएसएलसी परीक्षा में शत-प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। वह तुमकूरु जिले के चिक्कनायकनहल्ली तालुक के येलानाडु में सरकारी हाई स्कूल की छात्रा है। कड़ी मेहनत के अलावा भूमिका ने अपनी शैक्षणिक सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को दिया। भूमिका ने बताया कि कक्षा में ध्यान देने के कारण उसे कभी भी ट्यूशन की जरूरत नहीं पड़ी। उसने विज्ञान और गणित पर ज्यादा ध्यान दिया। उसके पिता बी. एम. रविंद्रनाथ उसी के स्कूल में कन्नड़ विषय के शिक्षक हैं और उन्होंने कभी भी रैंक लाने के लिए दबाव नहीं डाला।
डॉक्टर बन गांव में सेवा की चाह
बेलगावी जिले के कर्नाटक पब्लिक स्कूल की सहाना महंतेश आर. को भी सभी विषयों में शत-प्रतिशत अंक मिले हैं। सहाना चिकित्सक बनकर ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देना चाहती है। पिता महंतेश सत्तीगेरी गांव में किराने की दुकान चलाते हैं।
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