उन्होंने कहा कि साधना के तीन गुण बताए गए हैं। पहला ध्यान साधना से आत्मा से कर्मों के मैल दूर हो जाते हैं। दूसरा ध्यान साधना से हमारे स्वभाव में विनम्रता आ जाती है। तीसरा गुण आत्मा के अंदर आश्रव का पानी आना बंद हो जाता है। साधना से आत्मा को कलुषित करने वाले पापों का अंत हो जाता है। साधना से कर्मों का क्षय होता है और आत्मा में विशुद्धता आती है। साध्वी सुविधि ने ‘प्रभु तेरे चरणों में कोई नहीं फरियाद’ स्तवन से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। लकी ड्रॉ विजेताओं को गुरु भक्त की ओर से पुरस्कार प्रदान किया गए। नेमीचंद दलाल ने बताया कि चार दिवसीय गुरु जन्मोत्सव के आयोजन में शुक्रवार को दूसरे दिन 36 गुरु वंदना एवं एकासन दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस अवसर पर संघ के महावीरचंद धोका, शांतिलाल चाणोदिया, जंबुकुमार दुग्गड उपस्थित थे। संचालन किशोर दलाल ने किया।