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गठबंधन में अब भी गांठें

locationबैंगलोरPublished: Jul 12, 2018 07:02:18 pm

Submitted by:

Rajendra Vyas

सिद्धरामय्या छिपा नहीं पाए अपनी नाराजगी

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गठबंधन में अब भी गांठें

पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों और राशन कटौती से नाखुश
पूर्व मुख्यमंत्री ने कुमारस्वामी को लिखा पत्र
बेंगलूरु. प्रदेश कांग्रेस के लगभग सभी वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में अध्यक्ष पद संभालने के बाद जहां दिनेश गुंडूराव पार्टी में एकजुटता की बात कर रहे थे वहीं कांग्रेस विधायक दल के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी और अन्न भाग्य योजना के तहत राशन कटौती पर गठबंधन सरकार को लेकर अपनी नाराजगी नहीं छुपा पाए।
राज्य विधानसभा चुनाव में मिली हार पर आत्मावलोकन करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार वर्ष 2013-18 के दौरान अपनी जन-हितैषी योजनाओं को लेकर लोकप्रिय रही। हालांकि, गठबंधन सरकार की समन्वय समिति में इस बात पर सहमति बनी थी कि तमाम जन-हितैषी लोकप्रिय योजनाओं में कोई कटौती नहीं होगी और वे सुचारू चलती रहेंगी लेकिन अन्न भाग्य योजना के तहत चावल की मात्रा में कटौती और पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी की गई जो ठीक नहीं है।
उन्होंने मुख्यमंत्री को इस संदर्भ में पत्र लिखकर अपनी नाराजगी भी जताई की अन्न भाग्य योजना के तहत चावल की मात्रा 2 किलोग्राम घटाकर 7 से 5 किलोग्राम कर दी गई और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 2 फीसदी की वृद्धि कर दी गई। सिद्धरामय्या ने कहा कि उनका सपना राज्य को भूख से मुक्त बनाना था और इसी को ध्यान में रखकर अन्न भाग्य योजना शुरू की थी।
उन्होंने कहा कि वहीं पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतें आम आदमी पर एक बड़ा बोझ बन गई है जो बढ़ती तेल की कीमतों से पहले ही परेशान है। उन्होंने सरकार से भी कहा है कि वह पेट्रोल-डीजल की कीमतों में की गई बढ़ोतरी को तुरंत वापस ले और गरीबों को दिए जाने वाले अन्न भाग्य योजना में राशन की मात्रा बढ़ाए।
इसलिए हारे चुनाव : भाजपा और संघ परिवार के नकारात्मक प्रचार का सामना नहीं कर पाए
इससे पहले पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत करते हुए सिद्धरामय्या ने कहा कि विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार की मुख्य वजह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा फैलाया गया झूठ और हिंदुत्व एजेंडा रहा। उजरे में अपने इलाज के दौरान वे कई नेताओं से मिले जो चुनाव हार गए थे। राज्य के तटीय जिले में 19 में से 17 सीटों पर भाजपा हारी थी। आज वहां कांग्रेस तीन सीटों पर सिमट गई है। जब उनसे पूछा कि इस बार क्या हुआ। चुनाव हारने की क्या वजह रही। तो लगभग सभी ने यहीं कहा कि भाजपा की झूठ और हिंदुत्व एजेंडे से सही ढंग से मुकाबला नहीं कर पाए। भाजपा और राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ ने अपने संसाधनों को जुटाया और राज्य के हर घर के दरवाजे तक जाकर झूठा प्रचार-प्रसार किया। कांग्रेस उनके इस झूठे प्रचार तंत्र से उचित तरीके से नहीं निपट पाई और इसलिए वे अधिकांश सीटों पर जीतने में कामयाब रहे। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेशऔर कार्यकारी अध्यक्ष ईश्वर खंड्रे पर यह विशेष जिम्मेदारी है कि वर्ष 2019 से पहले वह कार्यकर्ताओं आत्मविश्वास भरें और हर एक मतदाता तक पहुंचे। प्रदेश प्रभारी महासचिव के सी वेणुगोपाल ने उम्मीद जताई कि अनुभवी और युवा दिनेश पार्टी की ओर युवाओं को आकर्षित कर पाएंगे।
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