हर व्यक्ति में क्षमताओं और योग्यताओं का भंडार
हर व्यक्ति में क्षमताओं और योग्यताओं का भंडार
बेंगलूरु. आचार्य महाश्रमण के शिष्य मुनि सुधाकर ने हनुमंतनगर स्थित तेरापंथ भवन में नवान्हिक अनुष्ठान के अंतर्गत तीसरे दिन में मुमुक्षु राहत ललवाणी के मंगल भावना समारोह में श्रद्धालुओं से धर्मचर्चा करते हुए कहा हर व्यक्ति में क्षमताओं और योग्यताओं का असीम भंडार है। उन्हें पहचानना और जगाना जरूरी है। यदि कोई हमसे पूछे कि जीवन का सबसे अधिक मूल्यवान क्षण कौन सा है, तो बताना चाहिए अपनी क्षमताओं से परिचित होना और उनका अनुभव करना सबसे अधिक मूल्यवान क्षण है। आज मनोविज्ञान के क्षेत्र में चिंता और भय की ग्रंथि का विवेचन हो रहा है। भारत के आध्यात्मिक दार्शनिकों और योगियों ने इनके संबंध में बहुत प्रकाश डाला है, तथा उनसे मुक्त होने पर बल दिया है। अपनी क्षमताओं और संभावनाओं से परिचित होने के लिए चिंता और निराशा बहुत बड़ी बाधा है। विकास की दिशा में अग्रसर होने के लिए मानसिक एकाग्रता और संकल्प बल का जागरण जरूरी है। हमने जिस लक्ष्य का निर्धारण किया है, उस और जागरूकता तथा स्थिरता से आगे बढ़ते रहना चाहिए। मुनि सुधाकर ने कहा भगवान महावीर ने अकाल मृत्यु के जो सात कारण बताए हैं। उनमें भावावेश की तीव्रता एक प्रमुख कारण है। भावावेश के कारण शरीर और मस्तिष्क में बहुत हानिकारक रसायन पैदा होते हैं। इस अवसर पर सभा से अध्यक्ष सुभाष बोहरा, युवक परिषद मंत्री धर्मेश कोठारी एवं महिला मंत्री लाजवंती कातरेला ने मुमुक्षु के प्रति मंगल भावनाएं व्यक्त की। संचालन सभा मंत्री हरकचंद ओस्तवाल ने किया।
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