script‘महिला सुरक्षा के लिए कठोर कानून बने और क्रियान्वित हो’ | 'Strict law is made for women's protection and execution' | Patrika News

‘महिला सुरक्षा के लिए कठोर कानून बने और क्रियान्वित हो’

locationबैंगलोरPublished: Sep 24, 2018 11:10:18 pm

वुमॅन इंडिया मूवमेंट (डब्ल्यूआइएम) राष्ट्रीय महासचिव शाहिदा तसनीम ने कहा कि अब समय की जरूरत है जब महिलाओं को देश में सामाजिक परिवर्तन लाने की दिशा में काम करना चाहिए।

‘महिला सुरक्षा के लिए कठोर कानून बने और क्रियान्वित हो’

‘महिला सुरक्षा के लिए कठोर कानून बने और क्रियान्वित हो’

बेंगलूरु. वुमॅन इंडिया मूवमेंट (डब्ल्यूआइएम) राष्ट्रीय महासचिव शाहिदा तसनीम ने कहा कि अब समय की जरूरत है जब महिलाओं को देश में सामाजिक परिवर्तन लाने की दिशा में काम करना चाहिए। अब महिलाएं आगे आती हैं, अपने अधिकारों के लिए खड़ी होती हैं और समाज में क्रांतिकारी और मौलिक परिवर्तन लाने के लिए स्वयं को सशक्त बनाती हैं। वे रविवार को बेंगलूरु में जयमहल के पालाना भवन में देश व्यापी अभियान का शुभारंभ करने के बाद आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रही थीं।

उन्होंने कहा कि वुमॅन इंडिया मूवमेंट महिलाओं का संगठन है जो महिलाओं के बीच सामाजिक, शैक्षणिक और राजनीतिक जागरूकता को बढ़ावा देने, सामाजिक परिवर्तन, भेदभाव को खत्म करने, समान प्रतिनिधित्व और सभी महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों और सुरक्षा के लिए जमीनी सक्रियता के माध्यम से काम कर रहा है।


उन्होंने महिला सुरक्षा के लिए देश की सरकारों से कठोर कानून बनाने का भी आग्रह किया। ताकि अपराधी बचकर नहीं जा सके। यास्मीन फारूकी ने अपने संबोधन में कहा कि बलात्कार, घरेलू हिंसा, यातना, और हत्या, यौन दुव्र्यवहार, महिलाओं के खिलाफ हिंसा, शैक्षणिक पिछड़ापन, सामाजिक बहिष्कार, मनोवैज्ञानिक नुकसान, संरक्षक बलात्कार जैसे अपराधों में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकारें प्रगतिशील महिलाओं के असंतोष को शांत करने और अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों को कम करने के लिए दमनकारी कानून बना रही हैं।


व्यसनमुक्त होना जरूरी : मुनि
मैसूरु. स्थानकवासी जैन संघ मैसूरु के तत्वावधान में रविवार को सिटी स्थानक डॉ समकित मुनि ने कहा कि व्यसनमुक्त इंसान ही आर्दश व्यक्ति बन सकता है। जीवन को सफलतम बनाने के लिए व्यसनमुक्त होना जरूरी है।


उन्होंने कहा कि जो हमारे जीवन को बर्बाद करें, भविष्य को बिगड़ दे, ऐसे चीजों को छोडऩा जरूरी है। जीवन को आदर्श बनाने के लिए धार्मिकता भी जरूरी है और कुव्यसनों को त्यागना चाहिए। मुनि ने उपस्थित लगभग 250 नवयुवक, विद्यार्थियों को जुआ, शिकार, परस्त्री, परपुरुष गमन, वेश्यागमन, नशीले पदार्थों का सेवन, मांसभक्षण और चोरी इन साथ व्यसनों का त्याग करवाया। भवांत मुनि ने महावीर स्वामी की महिमा गाई। जयवंत मुनि ने शांतिनाथ तीर्थंकर की महिमा का गुणगान किया। मंत्री सुशील कुमार नंदावत ने संचालन किया।

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