scriptबाहरी दिखावा प्रदर्शन और आडंबर में अटका-साध्वी भव्यगुणाश्री | Stuck in external showmanship and pomp - Sadhvi Bhavyagunashree | Patrika News

बाहरी दिखावा प्रदर्शन और आडंबर में अटका-साध्वी भव्यगुणाश्री

locationबैंगलोरPublished: Nov 24, 2021 09:43:04 am

Submitted by:

Yogesh Sharma

केंटोनमेंट में प्रवचन

बाहरी दिखावा प्रदर्शन और आडंबर में अटका-साध्वी भव्यगुणाश्री

बाहरी दिखावा प्रदर्शन और आडंबर में अटका-साध्वी भव्यगुणाश्री

बेंगलूरु. मुनिसुव्रत स्वामी जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ केंटोनमेंट में विराजित साध्वी भव्यगुणाश्री व साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा कि जिसने अपने आचार विचार और व्यवहार से गुरु का दिल जीत लिया। उसने दुनिया में सब को जीत लिया। साध्वी भव्यगुणाश्री ने कहा कि जिसमें श्रद्धा समर्पण और भक्ति का समावेश हो जाए वह स्वयं तीर्थ रूप बन जाता है। उन्होंने कहा कि जिसने दिल में निवास कर लिया वह दूर होकर भी नजदीक है। नहीं तो नजदीक होकर भी दूर है। उन्होंने बताया कि बाहर की दूरियां गुरु मिलन को बेचैन बनाती हैं। उत्कृष्ट भावना कर्मों की निर्जरा और तीर्थंकर गोत्र तक का उपार्जन कर सकता है। साध्वी ने स्पष्ट कहा कि बाहरी दिखावा प्रदर्शन और आडंबर में अटका हुआ मुख्य लक्ष्य से भटक जाता है। चित्रदुर्ग से आए हनुमानसिंह व लालसिंह ने साध्वीवृन्द के दर्शन वंदन कर आशीर्वाद लिया।

सिद्धी भी क्षेत्र पर निर्भर करती है
बेंगलूरु. सुराणानगर स्थित पाश्र्व सुशील धाम के तत्वावधान में विराजित आचार्य भव्यदर्शन सूरी ने उपप्रधान तप के साधकों को प्रवचन में कहा कि अपने अपने क्षेत्र की सिद्धि भिन्न-भिन्न होती है। सिद्धि पाने के लिए माध्यम भी भिन्न-भिन्न होते हैं। कई क्षेत्रों में सिद्धि प्राप्त करने के लिए बुद्धि की प्रधानता होती है तो कई जगह कठोर परिश्रम की जरूरत होती है। धार्मिक क्षेत्र की बात करें तो वहां पर मात्र बुद्धि काम नहीं आती। वहां आपके पास श्रद्धा और शुद्धि चाहिए। श्रद्धा की नींव के ऊपर धार्मिक इमारत खड़ी करके अनुकृल प्रसार किया तो आत्म शुद्धि संभावित बनती है। जब आत्म शुद्धि होती है तब सिद्धि के सोपान चढऩे में सफलता मिलती है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो