सूत्रों का कहना है कि पसंदीदा विभाग नहीं मिलने से कुछ नए मंत्री नाराज थे। इन मंत्रियों की शिकायत थी कि पंसदीदा विभाग के बजाय उन्हें कम महत्व वाला विभाग दिया गया है। नाराजगी को दूर करने के लिए विभागों में बदलाव किया गया है। हालांकि, बदलाव के बावजूद बेंगलूरु विकास विभाग की जिम्मेदारी किसी मंत्री को नहीं दी गई है, इसे मुख्यमंत्री ने अपने पास ही रखा है।
दस नए मंत्रियों में अब जल संसाधन मंत्री रमेश जारकीहोली के बाद सबसे महत्वपूर्ण विभाग पाने वाले आनंद सिंह हो गए। आनंद सिंह को नए विभाग के आवंटन के लिए दो मंत्रियों को विभाजित कर दी गई वन विभाग की जिम्मेदारी वापस ली गई। बल्लारी जिले के होसपेट से विधायक आनंद सिंह को अब वन व पर्यावरण और पारिस्थितिकी विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। वन सोमवार को सिंह के साथ ही मंत्री बने बी. सी. पाटिल को आवंटित किया गया था जबकि पर्यावरण व पारिस्थितिकी विभाग की जिम्मेदारी पुराने मंत्री सी. सी. पाटिल के पास थी, उनके पास अब सिर्फ खान व भू-गर्भ विभाग की जिम्मेदारी रह गई है।
सोमवार को आवंटित विभागों में सिंह को खाद्य व नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले की जिम्मेदारी दी गई थी। यह विभाग अब उपचुनाव में बेंगलूरु शहर के महालक्ष्मी ले-आउट क्षेत्र से जीते के. गोपालय्या को दिया गया है। सोमवार को गोपालय्या को लघु उद्योग के साथ चीनी विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन अब लघु उद्योग मुख्यमंत्री येडियूरप्पा ने अपने पास रख लिया है जबकि चीनी विभाग की जिम्मेदारी शिवराम हेब्बार को दी गई है। नए मंत्री हेब्बार को सोमवार को सिर्फ श्रम विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी। नए मंत्री बी. सी. पाटिल को अब कृषि विभाग की जिम्मेदारी दी गई है।
सोमवार को हुए कामकाज के बंटवारे में बोम्मई से सहकारिता विभाग की अतिरिक्त जिम्मेदारी के लेकर कृषि विभाग का अतिरिक्त दायित्व दिया गया था लेकिन मंगलवार को उसे वापस ले लिया गया। इसके अलावा दो अन्य मंत्रियों- श्रीमंत पाटिल और बैरती बसवराज के कामकाज में आंशिक बदलाव करते हुए कुछ नए विभाग दिए गए हैं। श्रीमंत को हथकरघा और कपड़ा विभाग के साथ ही पुराने मंत्री प्रभु चव्हाण से अतिरिक्त अल्पसंख्यक कल्याण विभाग लेकर दिया गया है। हालांकि, पशुपालन मंत्री चव्हाण के पास अभी भी हज व वक्फ विभाग की अतिरिक्त जिम्मेदारी बनी रहेगी।
नए बैरती बसवराज को दो सरकारी उपक्रमों की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। बसवराज को पहले सिर्फ शहरी विकास विभाग आवंटित किया गया था लेकिन मंगलवार को उन्हें कर्नाटक शहरी जलापूर्ति व ड्रेनेज बोर्ड और कर्नाटक शहरी ढांचागत विकास व वित्त निगम की जिम्मेदारी दी गई है। मुख्यमंत्री के पास वित्त, ऊर्जा, प्रशासनिक व कार्मिक सुधार, गुप्तचर, बेंगलूरु विकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी है।