डॉ. सुधाकर के पिता, उनकी पत्नी और बेटी को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस बीच सुधाकर का जन्मदिन आया तो उसे यादगार बनाने के लिए, उनकी बेटी ने उन्हें टिकटॉक वीडियो के माध्यम से शुभकामनाएं भेजीं।
जन्मदिन पर भेजे गए बेटी के इस संदेश ने उन्हें भावुक कर दिया और उन्होंने संदेश को सोशल मीडिया पर अपने फॉलाअर्स के साथ साझा करने का फैसला किया। हालांकि, उनका यह विचार सोशल मीडिया को रास नहीं आया और अब वे गलत कारणों से चर्चा का कारण बने हुए हैं।
असल में सोशल मीडिया पर सुधाकर की आलोचना का विषय संदेश नहीं बल्कि उसका एक चीनी ऐप टिकटॉक जरिये आना बना हुआ है। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प के बाद से काफी तनाव का माहौल है। देश का एक बड़ा वर्ग लगातार चीन के सामान के बहिष्कार की बात कर रहा है। ऐसे में सुधाकर का एक चीनी ऐप के जरिये संदेश सोशल मीडिया को रास नहीं आ रहा है।
ट्विटर पर मंत्री के फॉलोअर्स ने कहा कि उन्हें अपने परिवार से चीनी वीडियो शेयरिंग ऐप का बहिष्कार करने और दूसरों के लिए एक उदाहरण स्थापित करने को कहना चाहिए। हालाँकि, कुछ लोगों ने मंत्री की बेटी का बचाव करते हुए कहा कि बेटी यदि अस्पताल से अपने पिता को शुभकामनाएं भेजती है तो उसका इस तरह राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
एक यूजर ने लिखा कि जब पूरा देश टिक टॉक जैसे ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने और चीनी उत्पादों के बहिष्कार की बात कर रहा है, यह वीडियो टिकटॉक पर बनाया गया है… कृपया अपने परिवार को शिक्षित करें सर… एक राजनेता के रूप में आपकी जिम्मेदारी है और आपको इस बात को समझना चाहिए…
इससे पहले सुधाकर ने लॉकडाउन के दौरान स्विमिंग पूल में अपने परिवार के साथ एक तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की थी, तब भी उन्हें नेटिजंस की आलोचना का सामना करना पड़ा था।