एचआरसी की निगाह से बच नहीं सकता विक्रम
विक्रम से संपर्क साधने के लिए ब्यालालू स्थित इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क IDSN समय-समय पर संकेत भेजता रहा है। वहीं, नासा के डीप स्पेश नेटवर्क एंटीना से भी सिग्नल भेजे जाते रहे हैं लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। आर्बिटर से संपर्क बना हुआ है और इसरो ने उसके हाइ रिजोल्यूशन कैमरा HRC द्वारा ली गई तस्वीरें भी जारी की है। इस कैमरे की विभेदन क्षमता 30 सेंटीमीटर है। यानी, चांद की धरती पर एक मीटर से तीन गुणा छोटी वस्तु भी है तो आर्बिटर का कैमरा उसे देख सकता है। चूंकि, लैंडर विक्रम का आकार लगभग 2 मीटर से बड़ा है इसलिए उसकी तस्वीर जरूर ली जा सकती है बशर्ते टूटकर नहीं बिखरा हो। सूत्रों के मुताबिक लैंडर के एक बड़े भाग को बहुत अधिक क्षति नहीं पहुंची है। आर्बिटर के अलावा नासा का एलआरओ भी अगर विक्रम से संपर्क स्थापित नहीं कर पाया तो तस्वीरें लेने की कोशिश जरूर करेगा।
विक्रम से संपर्क साधने के लिए ब्यालालू स्थित इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क IDSN समय-समय पर संकेत भेजता रहा है। वहीं, नासा के डीप स्पेश नेटवर्क एंटीना से भी सिग्नल भेजे जाते रहे हैं लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। आर्बिटर से संपर्क बना हुआ है और इसरो ने उसके हाइ रिजोल्यूशन कैमरा HRC द्वारा ली गई तस्वीरें भी जारी की है। इस कैमरे की विभेदन क्षमता 30 सेंटीमीटर है। यानी, चांद की धरती पर एक मीटर से तीन गुणा छोटी वस्तु भी है तो आर्बिटर का कैमरा उसे देख सकता है। चूंकि, लैंडर विक्रम का आकार लगभग 2 मीटर से बड़ा है इसलिए उसकी तस्वीर जरूर ली जा सकती है बशर्ते टूटकर नहीं बिखरा हो। सूत्रों के मुताबिक लैंडर के एक बड़े भाग को बहुत अधिक क्षति नहीं पहुंची है। आर्बिटर के अलावा नासा का एलआरओ भी अगर विक्रम से संपर्क स्थापित नहीं कर पाया तो तस्वीरें लेने की कोशिश जरूर करेगा।