केम्पासगरा गांव में विश्वेश्वरस्वामी की मूर्ति के पुन: अभिषेक में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि जिले की 2500 झीलों को कावेरी जल से भरकर सभी 2 लाख घरों को नदी के पानी की आपूर्ति की जाएगी। गदग जिले को छोड़कर राज्य के किसी भी जिले में ऐसी सुविधा मौजूद नहीं है।
झीलों को नदी के पानी से भरने से पहले झीलों के अतिक्रमण को हटा दिया जाएगा और येत्तिनेहोले, श्रीरंगा और सत्तेगला की सिंचाई परियोजनाओं को तेजी से लागू किया जाएगा।
जिले में कृषि के साथ-साथ उद्योगों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है और मरुरु गांव में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए लगभग 2000-3000 एकड़ भूमि की पहचान की गई है। इससे स्थानीय लोगों के लिए पर्याप्त रोजगार पैदा होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि मार्च आने तक बेंगलूरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मागड़ी केम्पेगौड़ा की 108 फीट की मूर्ति लगाई जाएगी। केम्पेगौड़ा स्थित केम्पेगौड़ा के समाधि स्थल को वीरभूमि के रूप में विकसित किया जाएगा और संबंधित किसानों को उचित मुआवजा देकर इसके लिए आवश्यक भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।