इससे पहले कर्नाटक हाइ कोर्ट ने संपत राज और जाकिर को जमानत दे दी थी। अखंड श्रीनिवास मूर्ति की ओर से दलीलें पेश करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत, आर बसंत और राजेश इनामदार में सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया यद्यपि आरोपियों ने गंभीर अपराध किए हैं फिर भी उन्हें जमानत दे दी गई। उन्होंने कहा कि जमानत किस वजह से दी गई इसके बारे में हाइ कोर्ट की ओर से कोई जानकारी अपलोड नहीं की गई जबकि फैसले का केवल ऑपरेटिव हिस्सा ही उपलब्ध कराया गया।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि आरोपी प्रमुख घटना के प्रमुख षड्यंत्रकारियों में से एक है। हिंसा के इरादे से लोगों को जुटाने से लेकर उनके घर (अखंड श्रीनिवास मूर्ति) में आग लगाने और तोडफ़ोड़ में आरोपी ने काफी सक्रिय भूमिका निभाई है। उन्होंने दावा किया कि पास के विधानसभा क्षेत्र सीवी रमन नगर से मिली हार के बाद राजनीतिक कारणों से आरोपी ने उनके खिलाफ द्वेष पाल रखा था। गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में हुई हिंसा की इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई थी।