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बैंगलोर

कर्नाटक में येडियूरप्पा के भविष्य को लेकर संशय बरकरार

उलझन में भाजपा आलाकमान, दिल्ली से संदेश का इंतजार पार्टी आलाकमान से नहीं मिला संदेश तो खुद फैसला करेंगे येडियूरप्पा
 

बैंगलोरJul 26, 2021 / 02:30 am

Rajeev Mishra

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बेंगलूरु. सत्तारूढ़ भाजपा में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर संशय अब भी बरकरार है। उम्मीद है कि सोमवार को नेतृत्व के मुद्दे पर फैसला हो जाएगा। खुद मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा ने इसके संकेत दिए हैं। इस बीच, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने येडियूरप्पा की प्रशंसा की तो राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि ने कहा कि पार्टी ने येडियूरप्पा को बहुत कुछ दिया। रवि भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं। एक अन्य दावेदार व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी रविवार को धारवाड़ से बेंगलूरु पहुंचे मगर दिल्ली जाने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया। येडियूरप्पा के बेटे व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीवाइ विजयेंद्र तीन दिन से दिल्ली में हैं। मुख्यमंत्री पद के दो अन् दावेदार- मंत्री मुरुगेश निराणी और विधायक अरविंद बेल्लद भी दिल्ली गए हैं। राजनीतिक ऊहापोह के बीच हलचल बढ़ गई है।

बेलगावी में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद येडियूरप्पा ने कहा कि वे मुख्मंत्री बने रहेंगे या नहीं, यह सोमवार को पता चल जाएगा। लेकिन, यह तय है कि वे अगले 10-15 साल भाजपा के लिए काम करते रहेंगे। पिछले दो दशकों से राज्य में भाजपा का चेहरा रहे 78 वर्षीय लिंगायत नेता ने कहा ‘मुझे अभी तक पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से कोई संदेश नहीं मिला है कि मुख्यमंत्री पद पर बने रहना है या छोड़ देना है।Ó उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि केंद्रीय नेतृत्व का संदेश देर रात या सोमवार सुबह तक आ जाएगा। रविवार सुबह येडियूरप्पा ने शाम तक आलाकमान से ‘संदेशÓ मिलने की बात दुहराई थी।

‘तब मैं खुद फैसला लूंगाÓ
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने ‘दो महीने पहले ही कहा था कि पार्टी अगर चाहेगी तो पद से इस्तीफा दे देंगे। आज भी अगर आलाकमान चाहे तो वह पद पर बने रहेंगे और कहा तो वह पद छोड़ देंगे। लेकिन, अगले 10-15 साल पार्टी के लिए दिन-रात काम करते रहेंगे। इसमें कोई शक नहीं है।Ó उन्होंने कहा कि सत्ता के दो साल पूरे होने पर वह अपनी सरकार की उपलब्धियों के बारे में एक समारोह में बोलेंगे। यह योजना पहले से ही थी। उसके बाद अन्य बातें होंगी जो आपको पता चल जाएंगी। यह पूछे जाने पर कि अगर आलाकमान की ओर से कोई संदेश नहीं आया तो वह क्या करेंगे, येडियूरप्पा ने कहा ‘तब मैं खुद फैसला लूंगा।Ó

पार्टी ने सबकुछ दिया, संतुष्ट हूं
इससे पहले बेलगावी में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने दोहराया कि वह पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के फैसले का पालन करेंगे। वे संतुष्ट हैं और अनुशासन रेखा को पार नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पार्टी में ज्यादातर पद मुझे मिले। कर्नाटक में इतना शायद किसी और को नहीं मिले। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।Ó

नहीं पार करेंगे अनुशासन रेखा
येडियूरप्पा ने कहा कि अगले दो वर्षों तक कड़ी मेहनत करेंगे। राज्य में भाजपा को सत्ता में वापस लाने का एकमात्र लक्ष्य लेकर काम करेंगे। वह भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि के बयान से सहमत हैं कि पार्टी में हर एक साधारण कार्यकर्ता है और वह केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों का पालन करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा ‘वह शत-प्रतिशत सही हैं। हम अनुशासन की सीमा को पार नहीं करेंगे। हम इसका पालन कर रहे हैं और भविष्य में भी ऐसा करेंगे।Ó विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सिद्धरामय्या के भ्रष्टाचार के आरोपों पर उन्होंने कहा कि वे सिद्धरामय्या के किसी भी टिप्पणी का जवाब नहीं देंगे।

‘सुबह तक करते हैं इंतजारÓ
पणजी में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के अपनी प्रशंसा करने पर उन्होंने कहा कि ‘कोई भ्रम नहीं है। नड्डा हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। एक पार्टी कार्यकर्ता के रूप में उनके निर्देशों का पालन करना मेरा कर्तव्य है। अच्छे काम के लिए उनकी तारीफ करने और अन्य बातों के बीच कोई संबंध नहीं है। चलो कल सुबह तक इंतजार करते हैं। उसके बाद मैं अपना निर्णय लूंगा।Ó

‘आखिरी मिनट तक काम करूंगाÓ
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा ‘मैंने आखिरी मिनट तक काम करने का फैसला किया है। जैसे ही मुझे इस्तीफा देने को कहा जाएगा, मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं। अगर वे मुझे पद पर बने रहने के लिए कहते हैं तो मैं पद पर बना रहूंगा अथवा पद से इस्तीफा दे दूंगा और पार्टी के लिए काम करूंगा।Ó मुख्यमंत्री ने संकेत दिया कि पार्टी आलाकमान से संदेश मिलने तक वे मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सोमवार को बाढ़ प्रभावित कारवार दौरे का कोई कार्यक्रम नहीं है। अपने उत्तराधिकारी के सवाल पर उन्होंने कहा कि ‘मैं इस बारे में फैसला करने वाला नहीं हूं। इस बारे में आलाकमान को फैसला करना है।Ó

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