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सियासी आंकड़ों की बाजीगरी के ‘स्वामी’

locationबैंगलोरPublished: May 24, 2018 04:44:12 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

36 साल की उम्र में फिल्म निर्माता से राजनीति में आए, किंगमेकर कहलाते थे किंग बने

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सियासी आंकड़ों की बाजीगरी के ‘स्वामी’

राजनीति से दूर फिल्म निर्माता बनने की थी ख्वाहिश


सत्ता संघर्ष में आंकड़ों ने दिया साथ, बने कर्णधार


बेंगलूरु. बहुमत के आंकड़े से बहुत दूर रहने के बावजूद मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले जनता दल (ध) नेता हरदन हल्ली देवेगौड़ा कुमार स्वामी (एचडी कुमारस्वामी) राज्य में कुमारन्ना के नाम से मशहूर हैं। वे ‘वन मैन आर्मी’ भी कहलाते हैं और अस्वस्थ होने के बावजूद अपने कठिन परिश्रम के दम पर दूसरी बार राज्य में सत्ता के शीर्ष तक पहुंचे हैं। हालांकि, चुनावों में जद (ध) मत प्रतिशत और सीटों की संख्या के मामले में सबसे निचले पायदान पर रही लेकिन वह भी उनके पक्ष में गया। चुनावों के दौरान उन्होंने कड़ी मेहनत की और ओल्ड मैसूरु के सात जिलों में अपनी पकड़ कायम रखी। इससे पहले वर्ष 2006 में भाजपा के साथ गठबंधन सरकार में उन्होंने करीब 20 महीने तक मुख्यमंत्री पद संभाला था।
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के विपरीत कुमारस्वामी को शुरू में राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं थी। वे पेशेवर फिल्म निर्माता बनना चाहते थे और फिल्म निर्माण एवं वितरण में कॅरियर की शुरुआत की। उन्होंने राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत 1996 के आम चुनावों से की। सातनूर (अब कनकपुर) लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और विजयी रहे। लेकिन, इसके बाद वर्ष 1998 के चुनावों में उन्हें कांग्रेस के उम्मीदवार एमवी चंद्रशेखर मूर्ति के हाथों हार का सामना करना पड़ा और उनकी जमानत तक जब्त हो गई।
वर्ष 1999 के विधान सभा चुनावों में फिर एक बार उन्होंने सातनूर से किस्मत आजमाई लेकिन फिर शिकस्त मिली। दो लगातार चुनावों में मिली करारी हार के बावजूद वे पीछे नहीं हटे और वर्ष 2004 में रामनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और जीत दर्ज की। तब विधानसभा चुनाव में भी किसी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिला। त्रिशंकु विधान सभा की सूरत में जनता दल (ध) और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनी। इसके बाद कुमारस्वामी 4 फरवरी 2006 को पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने।
वे 8 अक्टूबर 2007 तक इस पद पर बने रहे। मुख्यमंत्री पद छोडऩे के बाद तत्कालीन प्रदेश जद (ध) अध्यक्ष मिराजुद्दीन पटेल के निधन के बाद वे प्रदेश अध्यक्ष बने। वर्ष 2013 में बेंगलूरु ग्रामीण और मंड््या लोकसभा उपचुनाव में खराब प्रदर्शन के कारण उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। नवम्बर 2014 में वे फिर से जद (ध) प्रदेश अध्यक्ष चुने गए।
इसके बाद उन्होंने राज्यव्यापी दौरा किया और उत्तर कर्नाटक में पार्टी को मजबूत करने के लिए हुब्बल्ली में आवास लिया। इस बार चुनावी अभियान के दौरान कुमारस्वामी बार-बार दोहराते रहे कि इस बार किंगमेकर नहीं बल्कि किंग बनेंगे। हालांकि, उनकी पार्टी पिछले चुनावों की तुलना में बेहतर नहीं कर पाई। पिछले चुनाव में उसे 40 सीटें मिलीं, लेकिन इस बार वह 37 तक ही पहुंच पाई। मगर भाग्य ने कुमारस्वामी का साथ दिया और 78 सीटें हासिल करने वाली कांग्रेस बिना किसी शर्त समर्थन को तैयार हो गई। कुमारस्वामी 23 मई 2018 को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लिए।
जीवन परिचय
कुमारस्वामी का जन्म 16 दिसम्बर 1959 को हासन जिले के होलेनरसिंहपुर तालुक स्थित हरदनहल्ली गांव में हुआ था। पिता एचडी देवेगौड़ा और मां चेन्नम्मा हैं। प्राथमिक शिक्षा हासन जिले के सरकारी स्कूल में प्राप्त की और फिर बेंगलूरु के एमईएस शैक्षणिक संस्थान जयनगर, से हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की। पीयूसी विजय कॉलेज और बीएससी की की पढ़ाई नेशनल कॉलेज जयनगर से पूरी की। उनकी शादी 13 मार्च 1986 को अनिता कुमारस्वामी से हुई।
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