कुमारस्वामी ने कहा कि निर्मलानंद स्वामी का नाम इसमें बेवजह इसमें घसीटा जा रहा है। वे सिर्फ उन्हें नैतिक रूप से समर्थन देेने वाले एक मार्गदर्शक रहे हैं। उनके शासनकाल के दौरान निर्मलानंद के फोन टेप किए जाने के आरोप लगने एवं राजनीतिज्ञों द्वारा उसपर बयानबाजी किए जाने से उन्हें दु:ख पहुंचा है। स्वामी ने उनके लिए काल भैरव से प्रार्थना की और अपने सामाजिक कार्यो के तहत मार्गनिर्देशित किया। सवालिया लहजे में कुमारस्वामी ने कहा कि क्या वे उनके खिलाफ इस तरह के संदिग्ध कदम उठा सकते हैं। कभी नहीं। आर.अशोक (राजस्व मंत्री) ने उनसे एक ऐसी गलती के लिए माफी मांगने को कहा है जो हुई ही नहीं। पता नहीं वे इससे क्या हासिल करना चाहते हैं। उनकी इस जल्दीबाजी को लेकर दया आती है।
मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद बीएस येडियूरप्पा ने कथित फोन टैपिंग मामले की जांच सीबीआइ से कराने की सिफारिश की थी। सीबीआइ ने जांच का जिम्मा संभालने के बाद पूर्व पुलिस आयुक्त आलोक कुमार के आवास पर छापे मारे हैं। यह मामला राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण हो गया है। कांग्रेस-जद-एस के 17 विधायकों के इस्तीफे के बाद कथित तौर पर अपनी सरकार बचाने के लिए कुमारस्वामी ने नेताओं, मंत्रियों, पत्रकारों और प्रशासनिक अधिकारियों के फोन टेप करवाए। इस बीच भाजपा के दो प्रमुख वोक्कालिगा नेताओं उपमुख्यमंत्री सीएन अश्वथनारायण एवं राजस्व मंत्री आर.अशोक ने पूर्व मुख्यमंत्री पर वोक्कालिगा समुदाय के प्रभावशाली आदिचुनचुनगिरि मठ के स्वामी निर्मलानंद के भी फोन टेप करवाने के आरोप लगाए।
अशोक ने एक कदम आगे बढ़ते हुए कहा कि कुमारस्वामी को निर्मलानंद से माफी मांगनी चाहिए। यह एक बड़ी गलती है। किसी भी सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए। जिसने भी ऐसा किया उसे दंडित किया जाना चाहिए। कुमारस्वामी भी वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं।
गौरतलब है कि मैसूरु और दक्षिण कर्नाटक क्षेत्र में वोक्कालिगा समुदाय का वर्चस्व है। पिछले लोकसभा चुनावों में भाजपा को यहां अच्छी सफलता मिली और वह अब अपनी स्थिति और मजबूत बनाने की कोशिश कर रही है।