script‘श्रवण कुमार’ की तरह रखें बड़े-बुजुर्गों का ध्यान | Take care of elders like 'Shravan Kumar' | Patrika News

‘श्रवण कुमार’ की तरह रखें बड़े-बुजुर्गों का ध्यान

locationबैंगलोरPublished: Jul 11, 2020 07:30:04 pm

Submitted by:

Nikhil Kumar

करीब दो फीसदी मामलों में ही आइसीयू और वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ रही है।

'श्रवण कुमार' की तरह रखें बड़े-बुजुर्गों का ध्यान

‘श्रवण कुमार’ की तरह रखें बड़े-बुजुर्गों का ध्यान

बेंगूलरु.

लॉकडाउन के चौथे चरण तक कर्नाटक और विशेष कर बेंगलूरु में कोविड के मामले कम थे। एक जून से अनलॉक-1 के बाद से मामले बढऩे लगे। लेकिन लॉकडाउन के दौरान कर्नाटक के मुकाबले अन्य प्रदेशों में मामले ज्यादा थे। मृत्यु दर कम करने के लिए मौतों की समीक्षा जारी है।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकार ने शुक्रवार को ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में लोगों से अपील की कि घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। जहां तक हो सके उन्हें घर में ही रहने के लिए प्रोत्साहित करें। श्रवण कुमार (shravan kumar) का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि लोगों के लिए यह माता-पिता, दादा-दादी और बड़े-बुजुर्गों के सेवा का अवसर है। सुनिश्चित करने की जरूरत है कि ये अपने घरों में ही रहें।

डॉ. सुधाकर ने कहा कि 80 फीसदी से ज्यादा मरीज बिना लक्षण वाले हैं इसलिए अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है। करीब दो फीसदी मामलों में ही आइसीयू और वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ रही है।

उन्होंने कहा कि बिस्तर, जांच लैब और मानव संसाधन आदि मुद्दों पर शुक्रवार को निजी अस्पतालों के प्रमुखों के साथ बैठक हुई। मरीजों को बिस्तर के लिए एक से दूसरे अस्पताल भटकना नहीं पड़े इसके लिए केंद्रीकृत बिस्तर आवंटन प्रणाली अपनाएंगे। जिन निजी अस्पतालों ने आश्वासन के बावजूद बिस्तर उपलब्ध नहीं कराएं हैं उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत आपराधिक मामले दर्ज होंगे।

वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. के. एस. सतीश ने लोगों से मास्क और सैनिटाइजर सहित सामाजिक दूरी नियमों के पालना की अपील की। उन्होंने कहा कि बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोना सर्वश्रेष्ठ और प्रभावी उपाय है। बुजुर्ग मरीज भी सात से 10 दिनों में कोरोना को मात देेने में कामयाब हो रहे हैं इसलिए घबराने की नहीं सावधानी और साफ-सफाई बरतने की जरूरत है।

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