तमिलनाडु वन विभाग ने हाथी को रेडियो कॉलर लगाकर गत माह ही मुदुमलाई टाइगर रिजर्व में छोड़ा था, लेकिन गत दो सप्ताह से हाथी वन विभाग की पहुंच से बाहर था। रेडियो कॉलर लगे होने के बावजूद हाथी का अता-पता नहीं था। वन विभाग के अनुसार रेडियो कॉलर की बैटरी कमजोर होने से ऐसा हुआ। वन्य जीव बोर्ड के सदस्य जोसेफ हूवर ने बताया कि हाथी फिलहाल वन विभाग के कब्जे में है।
कर्नाटक वन विभाग और तमिलनाडु वन विभाग को मिलकर निर्णय लेना होगा कि हाथी को वापस जंगल में छोडऩा है या पुनर्वास के लिए किसी शिविर में रखना है। कुद ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जब हाथी ने कॉलर गिरा दिया। ऐसे में लोग और हाथी दोनों खतरे में पड़ जाते हैं। यह वन विभाग की जिम्मेदारी है कि कॉलर की सुरक्षा सुनिश्चित हो।