यह फेलोशिप जैविक विज्ञान अथवा जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट टै्रक रिकॉर्ड वाले वैज्ञानिकों को ही दिया जाता है जिन्होंने स्वास्थ्य, कृषि, पर्यावरण और जीवन विज्ञान से संबंधित प्रमुख समस्याओं के लिए अभिनव समाधान खोजने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया हो। फेलोशिप के जरिए वैज्ञानिकों उनके शोधों के लिए सहायता दी जाती है। अमूमन यह फेलोशिप 3 से 5 वर्ष का होता है। प्रोफेसर दीपशिखा चक्रवर्ती आइआइएससी में सूक्ष्म जीवविज्ञान एवं कोशिका जीव विज्ञान (माइक्रोबायोलॉजी एवं सेल बायोलॉजी, एमसीबी) विभाग की प्रोफेसर हैं जिन्होंने नागपुर एवं पुणे विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने के बाद जापान और जर्मनी में उच्च शिक्षा प्राप्त की।
उनके प्रमुख शोध कार्यों में टीके का विकास, संक्रामक रोगों के आणविक डायग्नोसिस, खाद्य सूक्ष्म जीव विज्ञान, संक्रामक रोगों को आणविक रोगजनक और जैव प्रणाली इंजीनियरिंग कार्यक्रम शामिल हैं। इससे अत्याधुनिक टीकों और दवाओं का विकास हुआ। कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित दीपशिखा के अधीन कई छात्र पीएचडी कर रहे हैं।