शिक्षिका वाणी (Teacher Vaani) ने बताया कि दसवीं कक्षा की रक्षिता और पल्लवी शुरू से ही मेधावी रही हैं। दोनों छात्र ईमानदार, समर्पित और मेहनती हैं, लेकिन गरीबी पढ़ाई के आड़े आ रही थी। कोरोना महामारी के कारण एक की मां की नौकरी भी चली गई। महामारी के कारण करीब नौ माह से स्कूल बंद रहने के कारण दोनों बच्चियों को मिड डे मील भी नहीं मिला।
दोनों बच्च्यिों ने धीरे-धीरे पढ़ाई से दूरी बना ली। चिंतित शिक्षक दंपति (Teacher Couple) जब दोनों के घर पहुंचे तो दोनों ने बहाने बना कर इनकार कर दिया। दोनों नहीं चाहती थीं कि शिक्षक उनके घर आएं। पल्लवी के घर राशन नहीं था जबकि रक्षिता के घर की हालत बेहद खराब थी। तेज बारिश में घर का गिरना तय था।
वाणी ने महारानी कॉलेज (Maharani College) में प्रो. पति हेमचंद्र की मदद से रक्षिता को सुरक्षित स्थान पर भेजा। इसके बाद दोस्तों की मदद से उन्होंने करीब दो लाख रुपए की व्यवस्था की। इस राशि से तीन वर्ष के पट्टे पर एक छोटा घर ले रक्षिता को उसकी मां और छोटी बहन के साथ उस घर में रखा।
लायंस क्लब (Lions Club) के सदस्यों ने स्मार्टफोन और पाठ्य सामग्री दान कर पल्लवी की मदद की। पशु चिकित्सा विभाग में सहायक निदेशक ए नागराज ने अपने परिवार को राशन और अन्य महत्वपूर्ण सामग्री खरीदने के लिए नकदी सौंपी।
रक्षिता कहा कि ऐसे शिक्षक पाकर वह धन्य है। भविष्य में क्या बनेगी, निर्णय नहीं किया है लेकिन प्रदेश बोर्ड परीक्षा में बेहतर करने का लक्ष्य है। पल्लवी ने बताया कि वह सरकारी नौकरी में जाना चाहती है। बोर्ड परीक्षा में शत प्रतिशत अंक हासिल करना चाहती है।
वाणी ने बताया कि दोनों बच्चियों के पास आधार कार्ड तक नहीं है। उन्होंने कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके बाद दोनों को बीपीएल कार्ड बनाने में मदद करेंगी। इससे दोनों विभिन्न सरकारी कल्याण योजनाओं का लाभ उठा सकेंगी। बोर्ड परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद दोनों को किसी सरकारी छात्रावास में दाखिला दिलाने की कोशिश करेंगी।