scriptटीम इंडस का इसरो के साथ करार टूटा! | Team indus lunarr mission in jeopardy after ISRO cancels contract | Patrika News

टीम इंडस का इसरो के साथ करार टूटा!

locationबैंगलोरPublished: Jan 09, 2018 05:47:08 pm

Submitted by:

Rajeev Mishra

चांद पर रोवर उतारने की निजी क्षेत्र की योजना खटाई में, गूगल लूनर एक्सप्राइज की दावेदार मानी जा रही थी भारतीय टीम

team indus
बेंगलूरु.
गूगल लूनर एक्सप्राइज के तहत चांद की धरती पर अपना रोवर उतारने की वैश्विक चुनौती स्वीकार करने वाली भारतीय ंकपनी ‘टीम इंडस का चंद्र मिशन अधर में लटक गया है। टीम इंडस को 30 लाख डॉलर ईनामी राशि वाली इस प्रतिस्पद्र्धा का मुख्य दावेदार माना जा रहा था लेकिन कथित तौर पर फंड की कमी के कारण इसरो के साथ लांच करार टूट गया है।
हालांकि, ना तो इसरो और ना ही टीम इंडस का कोई प्रतिनिधि खुलकर इस मुद्दे पर बात कर रहा है लेकिन दोनों ही पक्षों ने इस खबर का खंडन भी नहीं किया। टीम इंडस की एक सदस्य ने पत्रिका से बातीचत करते हुए कहा ‘फिलहाल हम इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं। हम ना तो लांच करार टूटने की खबर का खंडन कर रहे हैं और ना ही अभी इसकी पुष्टि करेंगे। हालांकि, इसरो के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक ‘चूंकि, मिशन के लिए फंड कि व्यवस्था नहीं हो पाई है इसलिए यह मिशन अनिश्चय की स्थिति है।
दरअसल, लगभग 600 किलोग्राम वजनी रोवर की लांचिंग के लिए टीम इंडस ने इसरो की वाणिज्यिक इकाई एंट्रिक्स के साथ करार किया था जिसके तहत मिशन की लांचिंग पीएसएलवी से की जानी थी। टीम इंडस ने दिसम्बर 2017 से जनवरी 2018 के बीच मिशन लांच होने का संकेत दिया था क्योंकि प्रतियोगिता के नियमों के तहत मिशन पूरा करने की समय-सीमा 31 मार्च है। इस बीच सूत्रों के मुताबिक टीम इंडस के साथ इसरो का करार पिछले महीने ही रद्द हो गया है। पिछले अक्टूबर महीने में ही टीम इंडस के नेतृत्वकर्ता राहुल नारायण ने पत्रिका को बताया था कि इस मिशन पर 450 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है और अभी तक आधी राशि (लगभग 225 करोड़ रुपए) खर्च किया जा चुका है। तब राहुल ने कहा था कि कंपनी को फंड की आवश्यकता है और उसकी व्यवस्था की जा रही है। अक्टूबर महीने में ही गूगल लूनर एक्सप्राइज के अंतरराष्ट्रीय पैनल में शामिल जजों ने मिशन की समीक्षा की थी और मिशन को सही पाया था।
गौरतल है कि इस प्रतियोगिता के तहत चांद की धरती पर अपना रोवर उतारकर कम से कम 500 मीटर तक चहलकदमी कराते हुए आंकड़े एकत्रित करने और धरती पर भेजने की चुनौती थी जिसमें विश्व की कुल 30 टीमों ने भाग लिया था। उनमें से 5 टीमें फाइनल में पहुंची। फाइनल में पहुंचने वाली टीमों में से एक जापान की टीम ‘हाकुतोÓ भी है जिसका लैंडर टीम इंडस के साथ भेजा जाना था। वर्ष 2015 में माइलस्टोन टेस्ट पास करने पर इस भारतीय टीम को 10 लाख डॉलर की ईनामी राशि से पुरस्कृत किया जा चुका है लेकिन, मिशन अब अनिश्चितता के भंवर में है।
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