उन्होंने कहा कि हैरानी की बात यह है कि सरकार ने लॉकडाउन के दौरान मंदिरों में पूजा भक्ति के लिए भक्तों के प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी है। हजारों लाखों करोड़ों वर्ष के भारतीय इतिहास में कभी भी मंदिरों के दरवाजे इस तरह बंद नहीं हुए हैं। भारतीयों की आस्था के साथ ऐसा खिलवाड़ किसी ने नहीं किया।
जैसे भोजन बनाने के लिए रसोई घर जरूरी है, अध्ययन करने के लिए किताब जरूरी है, वैसे ही मंदिर में प्रतिमा भक्तों की भावनाओं को प्रकट करने के लिए अत्यंत जरूरी है। मंदिरों के कपाट बंद रखने पर मरीजों की संख्या बढ़ती रहेगी। ईश्वर तत्व की सक्रिय ऊर्जा प्राप्त करने पूजा दर्शन आवश्यक है।
इसलिए मंदिरों में योग्य मर्यादा के साथ भी दर्शन पूजा का क्रम बना रहे, वह जरूरी है। समग्र राष्ट्र धर्म प्रेमी जनता इस बात की आवाज उठाएं एवं सरकार भी सकारात्मक निर्णय ले। संत समाज की यह भावना है।