बोम्मई ने शुक्रवार को मैसूरु में पत्रकारों स कहा कि एनआइए ने जमात उल मुजाहिदीन (जेएमबी) के संदिग्धों की हरकतों के बारे में पता लगाया है। उनकी गतिविधियां कर्नाटक के तटीय इलाकों के साथ राज्य के अंदरूनी हिस्सों में भी देखी गई हैं।
उन्होंने कहा, सरकार को आशंका है कि बेंगलूरु और मैसरु में आतंकी स्लीपर सेल भी सक्रिय हैं और एनआईए चाहती है कि अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए। जमात उल मुजाहिदीन (जेएमबी) ने पिछले कुछ समय में कर्नाटक के तटीय और अंदरूनी इलाकों के अलावा बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के तटीय इलाकों में अपनी सक्रियता बढ़ाई है।
पुलिस ने बढ़ाई सर्तकता बोम्मई ने कहा, ‘कर्नाटक में अवैध बांग्लादेशियों की गतिविधियां भी तेज हुई हैं। ऐसे संकेत मिलने के बाद हमारी पुलिस पूरी तरह चौकन्नी है। खासकर बेंगलूरु और मैसूरु क्षेत्र में ज्यादा सतर्कता बरती जा रही है। उन्होंने कहा कि हम सार्वजनिक स्थानों पर संदिग्ध व्यक्तियों की तलाश की जा रही है और संदिग्ध व्यक्तियों के बारे में जानकारी एकत्रित कर इसका गहराई के साथ विश्लेषण कर रहे हैं।
बेंगलूरु के लिए अलग से एटीएस बनेगी इससे पहले गृहमंत्री ने घोषणा की थी कि बेंगलुरु के लिए अलग से आतंक निरोधक दस्ते (एटीएस) का गठन किया जाएगा और यह दस्ता एनआइए के साथ मिलकर काम करेगा। हालांकि राज्य में एटीएस पहले से है, लेकिन ये निर्णय तब लिया गया, जब बेंगलुरु के आसपास से जमात उल मुजाहिदीन (जेएमबी) के कई संदिग्धों को पकड़ा गया। उनसे विस्फोटक सामग्री और कई उपकरण भी बरामद किए गए। बांग्लादेश का आतंकी समूह पूरे भारत में अपना नेटवर्क फैलाना चाहता है। उसके 125 से ज्यादा संदिग्धों की सूची एटीएस के पास है।