एनआइए ने मंगलवार को इस्लाम को गिरफ्तार किए जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि उसकी तलाश वद्र्धमान विस्फोट मामले में भी है। साथ ही बांग्लादेश में कई मामलों में वह वांछित है। वह भारत में जेएमबी के प्रमुख नेताओं में था। एनआइए सूत्रों के मुताबिक मुनीर बोधगया कांड के बाद से कुछ दिन तक झारखंड में रहा और उसके बाद रामनगर आ गया। पिछले दो-तीन महीने से वह रामनगर में पत्नी और दो बच्चों के साथ रह रहा था। उसने मकान मालिक को अग्रिम राशि के साथ ही आधार कार्ड भी दिया था, लेकिन रेलवे टिकट बुक कराने के नाम पर वापस ले लिया था। वह साइकिल पर कपड़ा बेचने का काम करता था। पुलिस को उसके घर की तलाशी के दौरान कुछ विस्फोटक सामग्री भी मिली।
पांच साल पहले 7 जुलाई 2013 को बोधगया के महाबोधि मंदिर के आसपास 10 धमाके हुए थे। एनआइए के मुताबिक इस्लाम के निर्देश पर ही उसके करीबी मुस्तफिजुर रहमान उर्फ शाहीन ने विस्फोट को अंजाम देने के लिए सामग्री जुटाने के साथ ही बम भी लगाए थे। जून में ही पटना की विशेष एनआइए अदालत ने बोधगया धमाकों के मामले में पांच आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी जबकि दो आरोपियों को 7 व 14 साल की सजा हुई थी। एक नाबालिग को तीन साल के लिए बाल सुधार गृह भेजा गया था।
गौरतबल है कि रामनगर से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने सोमवार को पुलिस के साथ संयुक्त कार्रवाई में झारखंड के एक संदिग्ध आतंकी मुनीर (25) को गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक मुनीर के पास से लैपटॉप, जिलेटिन की छड़ें तथा राज्य के मशहूर पर्यटन स्थलों तथा मंदिरों के फोटो तथा नक्शे बरामद किए गए है। बताया गया है कि वह पिछले सात महीने से रामनगर में कपड़ा व्यापारी बन कर पत्नी तथा पुत्र के साथ एक किराए के मकान में रह रहा था। मकान मालिक के अनुसार व्यापार के लिए सुबह घर छोडऩे वाला मुनीर देर रात को घर लौटता था। मुनीर के गिरफ्तारी की सूचना मिलने के बाद उसकी पत्नी और पुत्र घर में ताला लगाकर कहीं चले गए। इस गिरफ्तारी के बाद मैसूरु तथा मण्ड्या जिले के पर्यटन स्थल तथा मंदिरों की सुरक्षा और कड़ी की गई है।