एनआईए महानिदेशक मोदी ने कहा कि दक्षिण में कर्नाटक के साथ ही केरल और तमिलनाडु में भी स्थानीय लोगों को जोड़कर अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि जेएमबी बांग्लादेशी प्रवासियों की आड़ में पांव पसारने की कोशिश कर रहा है। एनआईए के महानिरीक्षक अलोक मित्तल ने कहा कि जेएमबी दक्षिण पर ज्यादा जोर दे रहा है। बेंगलूरु में ही यह संगठन वर्ष 2014-2018 केद बीच 20-22 ठिकाने बनाने में सफल रहा। मित्तल ने कहा कि जेएमबी ने कर्नाटक-तमिलनाडु की सीमा पर स्थित कृष्णगिरि की पहाडिय़ों पर आईईडी विस्फोट और रॉकेट लांचर चलाने का भी परीक्षण किया था। कम से कम तीन बार रॉकेट लांचर चलाने का परीक्षण किया गया। मोदी ने कहा कि बोधगया आईईडी धमाकों के बाद गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ के बाद जेएमबी के बेंगलूरु में ठिकाना बनाने की बात सामने आई थी। उस समय पता चला था कि वर्ष २०१४ में हुए वद्र्धमान धमाकों के बाद जेएमबी से जुड़े कुछ लोग पहले झारखंड चले गए थे और फिर बाद में वे बेंगलूरु में छिप गए थे, जहां उनलोगों ने फिर से संगठन को खड़ा करने और दक्षिणी राज्यों को निशाना बनाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि बेंगलूरु, चेन्नई, हैदराबाद के अलावा तमिलनाडु और केरल के अन्य स्थानों पर भी जेएमबी सक्रिय है।
गौरतलब है कि बोधगया विस्फोट मामले से जुड़े कई संदिग्ध आतंककारियों को बेंगलूरु से एनआईए ने पकड़ा था। हाल के दिनों में तमिलनाडु और केरल से भी काफी संख्या में जेएमबी और आईएसआईएस के केरल-तमिलनाडु माड्यूल से जुड़े कई संदिग्ध आतंककारी पकड़े गए हैं।