बीबीएमपी वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ प्रसन्ना ने बताया कि मई-जून का महीना सांपों के लिए हैचिंग सीजन होता है। ऊपर से गर्मी और बारिश के कारण समस्या विकराल हो गई है। उन्होंने बताया कि बिलों में पानी भर जाने के कारण सांप बाहर निकलकर रहवासी क्षेत्रों में घुस जाते हैं। सांप कभी अपने लिए बिल नहीं बनाता।
वो चूहों के बिल में रहता है और चूहों का ही शिकार करता है। उन्होंने बमाया कि मानसून में चूहे घरों में जाकर छुप जाते हैं इसलिए सांप भी उनकी तलाश में घरों के भीतर चले आते हैं।
जानकारों का मानना है कि घर के ड्रेनेज पाइप में बारीक जाली लगवाने से सांपों को घरों में घुसने से रोका जा सकता है। दरअसल ज्यादातर सांप इसी रास्ते घर में प्रवेश करते हैं। इसलिए सर्वाधिक बचाव ड्रेनेज पाइप के रास्ते पर करने की जरुरत है।
हर सप्ताह आधा दर्जन सर्प दंश वन्यजीव स्वयंसेवक राजेश कुमार ने बताया कि रविवार को ही जे. पी. नगर स्थित एक घर के टॉयलेट के कमोड से उन्होंने एक कोबरा पकड़ा। हेब्बाल, यलहंका, कनकपुरा और राजराजेश्वरी नगर में समस्या ज्यादा है। उन्होंने बताया कि हर सप्ताह करीब आधा दर्जन लोगों को सांप डस लेते हैं।
ऐसे में कुमार ने लोगों को चेताया है कि घर में सांप दिखने पर सांप को मारने की कोशिश न करें ऐसा करना घातक हो सकता है इसलिए विशेषज्ञों की मदद लें। जान बचाने के लिए हमला करता है सांप
वन्यजीव स्वयंसेवक मोहन के.ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्होंने बानसवाड़ी में एक घर में खड़ी कार के बोनट के अंदर से एक कोबरा का पकड़ा था।
वन्यजीव स्वयंसेवक मोहन के.ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्होंने बानसवाड़ी में एक घर में खड़ी कार के बोनट के अंदर से एक कोबरा का पकड़ा था।
घर के आंगन या आसपास ईंट, पत्थर, लोहा, लंगर व लकड़ी आदि के ढेर ना लगाएं। पेड़-पौधों और झाडिय़ों की वर्षा पूर्व छटनी करें। घर के बचे खाद्य पदार्थ, सब्जियों के छिलके और रोटी आदि बाहर ना फेंकें।
सांप दिखाई देने पर उसे मारने का प्रयास कतई ना करें। सर्पदंश के ज्यादातर मामले इसी दौरान घटित होते हैं। सांप कितना भी जहरीला क्यों न हो वह किसी पर यूं ही हमला नहीं करता है। बल्कि अपनी जान बचाने के लिए डर कर हमला करता है।