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इस राज्य में भिखारी भी करेंगे वोटिंग

locationबैंगलोरPublished: Apr 16, 2018 07:45:21 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

यह पहला अवसर है जब उनको मतदान का अधिकार मिला है और इससे सभी खुश हैं

beggar
बेंगलूरु. कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा चुनाव आयोग को दिए निर्देशों के तहत विशेष अभियान चलाकर 500 से अधिक भिखारियों के नाम भी मतदाता सची में दर्ज किए गए हैं। बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका द्वारा शनिवार को चलाए गए विशेष अभियान में मागड़ी रोड स्थित भिखारी पुनर्वास केंद्र में रहने वाले 508 भिखारियों के नाम दर्ज किए गए। इनमें से 364 पुरुष तथा 144 महिलाएं हैं।
बीबीएमपी के आयुक्त एन. मंजुनाथ प्रसाद का कहना है कि इन लोगों को राजराजेश्वरी नगर विधानसभा में मतदान करने का अधिकार मिला है क्योंकि भिखारी पुनर्वास केन्द्र उसी क्षेत्र में है। यह पहला अवसर है जब उनको मतदान का अधिकार मिला है और इससे सभी खुश हैं। कुणिगल की रहने वाली शिवलिंगम्मा ने कहा कि हालांकि हम इवीएम से मतदान करना नहीं जानते लेकिन हम मतदान वाले दिन अपने पसंदीदा उम्मीदवार व पार्टी के पक्ष में अपना वोट डालने को लेकर उत्सुक हैं।
भिखारी राहत समिति के सचिव चन्द्रा नाईक ने कहा कि भिखारियों को पहले कभी भी मतदान का अधिकार नहीं मिला। अभियान के दौरान अधिकारियों ने नए मतदाताओं को ईवीएम के जरिए मतदान करने के तरीके के बारे में जीवंत प्रदर्शन करके सब कुछ समझाया है। इस बीच, पुनर्वास केन्द्र के अधिकारियों ने कहा कि उनमें से जो लोग अपने पैतृक गांव या शहर में जाकर मतदान करना चाहते हैं उनको मतदान करने के लिए उनके गांव या शहर में जाने की अनुमति दी जाएगी। इसी तरह बीबीएमपी ने शहर के पांच रैनबसेरों में नियमित रूप से सोने वाले 179 आवासहीन लोगों के नाम भी मतदाता सूचियों में पंजीकृत किए हैं।
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एआइएमआइएम नहीं उतारेगी उम्मीदवार

बेंगलूरु. ऑल इंडिया मजलिए-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइ-एमआइएम) विधान सभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारेगी। सांसद असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाले एमआईएम ने पहले राज्य विधानसभा चुनाव लडऩे और कम से कम 50 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बात कही थी। हालांकि, अब पार्टी ने चुनाव नहीं लडऩे का फैसला किया है। बताया जाता है कि धर्मनिरपेक्षों मतों का विभाजन रोकने के लिए पार्टी ने उम्मीदवार नहीं उतारने का निर्णय किया है। इससे पहले ओवैसी ने पार्टी नेताओं के साथ कई दौर की बातचीत की। पार्टी ने हैदराबाद-कर्नाटक के अलावा अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों से उम्मीदवार उतारने की घोषणा की थी। पार्टी ने जनता दल ध से भी गठबंधन करने की कोशिश की थी लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ पाई थी।

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