मंत्री के घर में मिली लापता महिला जानकार बताते हैं कि वर्ष 1973 में मुख्यमंत्री देवराज अर्स के मंत्रिमंडल से मंत्री आरडी कित्तूर (R D Kittur) को इस्तीफा देना पड़ा था। क्योंकि उन पर एक महिला को घर में रखने का आरोप लगाया गया था, जो लापता थी। ऐसा कहा जाता है कि राज्य की राजनीति में अनैतिक मामला उजागर होने के बाद किसी मंत्री द्वारा इस्तीफा देने का यह पहला मामला था।
सार्वजनिक हो गई तस्वीर राजनीति में घटती नैतिकता का एक अन्य मामला वर्ष 2007 में प्रकाश में आया जब दावणगेरे जिले के होन्नल्ली से भाजपा विधायक एमपी रेणुकाचार्य (M P Renukacharya) (वर्तमान में मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव) ने भाजपा को मुसीबत में डाल दिया था। एक नर्स ने आरोप लगाया था कि विधायक ने उसे परेशान किया था। महिला यही नहीं रुकीं, उन्होंने ऐसी तस्वीरें सार्वजनिक कर दीं जिसमें कथित रूप से रेणुकाचार्य उन्हें चूम रहे थे। महिला ने पुलिस और राज्य के महिला आयोग से शिकायत की भी थी।
हालांकि रेणुकाचार्य के राजनीतिक करियर पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ा। अगले ही साल वे कैबिनेट में शामिल किए गए और येडियूरप्पा के मंत्रिमंडल में आबकारी मंत्री बन गए। अगला मामला और भी गंभीर
अगला मामला तब सामने आया जब 2010 में बीएस येडियूरप्पा सरकार के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में तत्कालीन खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री हरताल हडप्पा (Hartal Halappa) पर उनके ही दोस्त ने एक वीडियो जारी करते हुए आरोप लगाया कि मंत्री ने उनकी पत्नी का बलात्कार किया। मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा। हालांकि वर्ष 2017 में उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था।
अगले मामले में तीन विधायक फरवरी 2012 में कर्नाटक के तीन विधायक राष्ट्रभर में सुर्खियां बन गए, हालांकि इसमें उनका नाम न हुआ बल्कि बदनाम ही हुए। आरोप था कि तीनों विधानसभा में अपने सेल फोन पर अश्लील वीडियो देखते हुए पकड़े गए। मीडिया द्वारा पकड़े जाने पर तत्कालीन विधायक व वर्तमान उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सवदी, कृष्णा पालेमर और तत्कालीन विधायक व वर्तमान सूचना मंत्री सीसी पाटिल को इस्तीफा देना पड़ा। चार साल बाद, एक हाउस कमेटी ने केवल पालेमर को ही क्लिप शेयर करने का दोषी माना और अन्य दो नेताओं को क्लीन चिट दे दी गई।
चुनाव से ठीक पहले बाहर आई सीडी वर्ष 2013 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मीडिया में एक सीडी लीक हुई जिसमें भाजपा विधायक रघुपति भट को कथित रूप से एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया था। सीडी की असर यह हुआ कि भट चुनावी दौड़ से बाहर हो गए। पांच साल बाद वे उडुपी से चुनावी मैदान में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में लौटे और 2018 के विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बन गए।
दिसम्बर की सर्दियों में हुआ अगला ‘कांड’ दिसम्बर 2015 में भाजपा के पूर्व मंत्री एसए रामदास पर महिलाओं से यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया गया था। पुलिस ने एक महिला की शिकायत के बाद रामदास के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोपों के बाद रामदास ने कथित रूप से आत्महत्या करने का प्रयास किया था। हालांकि जांच के बाद क्राइम विभाग ने उन्हें निर्दोष पाया और नेता को क्लीन चिट दे दी गई।
तबादले के बदले में मंत्री ने की ऐसी मांग साल 2016 में तत्कालीन मंत्री एचवाई मेटी की एक 30 सेकेंडकी एक क्लिप बाहर आ गई जिसमें कथित रूप से 71 वर्षीय मंत्री एक महिला से तबादले के बदले अनैतिक मांग कर रहे थे। सिद्धरामैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में मंत्री मेटी पर लगे इस आरोप के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
बाद में ‘पिता’ की तरह लगने लगे हालांकि अगले ही साल सब कुछ बदल गया। क्राइम विभाग ने मंत्री को क्लीन चिट दे दी और उस महिला को भी मेटी पिता की तरह लगने लगे थे।
वास्तविक नहीं निकला कथित सेक्स टेप अगले मामले की जानकारी के लिए हम आपको वर्ष 2019 में लिए चलते हैं। महादेवपुर विधायक और वर्तमान वन मंत्री अरविंद लिंबावली का एक वीडियो वायरल हो जाता है जिसमें वे कथित रूप से किसी के साथ थे। लिंबावली द्वारा पुलिस में शिकायत के बाद विधि विज्ञान प्रयोगशाला ने बताया कि कथित सेक्स टेप वास्तविक नहीं था।