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जीएसटी से कहीं खुशी तो कहीं छाई उदासी, बिना बिल के नहीं होगी बिक्री

locationबैंगलोरPublished: Jul 02, 2017 12:16:00 pm

Submitted by:

rohit sharma

केंद्र सरकार ने लम्बे जद्दोजहद के बाद आखिरकार एक जुलाई को जीएसटी को लागू कर दिया। जीएसटी लागू होने से पहले सरकार को देशभर के व्यापारियों के विरोध का भी सामना करना पड़ा।

केंद्र सरकार ने लम्बे जद्दोजहद के बाद आखिरकार एक जुलाई को जीएसटी को लागू कर दिया। जीएसटी लागू होने से पहले सरकार को देशभर के व्यापारियों के विरोध का भी सामना करना पड़ा।

इन सब के बाद जीएसटी लागू किया गया। अब से व्यापारी वर्ग अब ग्राहक को बिना बिल दिए सामान नहीं बेच सकेगा। इसे प्रभावी करने को लेेकर जिले के व्यापारियों और आमजन में सही और गलत दोनों तरह को माहौल देखने को मिला।
ग्राहकों पर नहीं भार

खुशी उन व्यापारियों में नजर आई, जो टैक्स देकर सामान खरीदते और बेचते हैं। कहने का मतलब साफ-सुथरा व्यापार करने वाले और गलत उन्हें लगा जो व्यापारी टैक्स बचाकर व्यापार करते हैं।
वहीं सामान खरीदने वाले ग्राहक इस परेशानी में पड़ गए हैं कि उन पर महंगाई का भार बढ़ेगा इसलिए उन्हें जीएसटी का फैसला परेशानी वाला नजर आ रहा है। जबकि, उन पर कोई भार नहीं आएगा।
देना होगा बिल

एक से एक हजार रुपए तक रेडिमेड कपड़ा बेचने पर पांच प्रतिशत व इससे अधिक खरीदने पर 12 प्रतिशत जीएसटी देनी होगी। वहीं कॉस्मेटिक सामान की बिक्री पर 18 प्रतिशत और लग्जरी गाडिय़ां बेचने पर 28 प्रतिशत जीएसटी चुकानी होगी। इसी तरह अन्य सामान की बेचने पर ग्राहक को बिल देना होगा।
व्यापारियों को होगी सरलता

रेडिमेड कपड़ा व्यापारियों का मानना है कि सरकार के जीएसटी लागू करने से जहां देश की अर्थव्यवस्था सुधरेगी वहीं टैक्स के सरकार तक पहुंचने में पारदर्शिता आएगी। इसलिए जीएसटी लागू करने के फैसले को सही बताया गया है क्योंकि, इससे व्यापारियों को सरलता रहेगी।
एक प्रतिशत लगेगा जीएसटी

इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बेचने वाले व्यवसायी भी जीएसटी लागू होने से नाखुश नहीं हैं। उनका भी मानना है कि इसका प्रभाव उन पर पड़ेगा जो व्यापारी टैक्स को छिपाते या बचाते हैं। सरकार को टैक्स देकर व्यापार करने में कोई परहेज नहीं है। इससे पारदर्शिता के साथ अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पर सरकार ने एक प्रतिशत जीएसटी लगाया है।
चार श्रेणियां निर्धारित

केंद्र सरकार ने जीएसटी से टैक्स लेने की प्रक्रिया को चार श्रेणियों में निर्धारित किया है। इसमें बिक्री के लिए दूसरे शहरों से ट्रांसपोर्ट के जरिए सामान मंगाने पर अब बिल देना शामिल किया है, ताकि माल बिना किसी व्यवधान के गंतव्य तक पहुंच सके। इसके अलावा अलग-अलग सामान पर प्रतिशत के हिसाब से टैक्स निर्धारित किया है।
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