
वन विभाग ने शनिवार को एच.डी. कोटे तालुक के के.जी. हुंडी गांव में निजी भूमि पर मिले बाघ के शव की मौत tiger death में किसी भी तरह की गड़बड़ी की संभावना से इनकार किया है।
रविवार को शव का पोस्टमार्टम हुआ। रिपोर्ट के अनुसार बाघ के निचले हिस्से विशेषकर उसकी जांघों और पेट को नोंचा गया था। संदेह है कि किसी बड़े बाघ के साथ क्षेत्र की लड़ाई में उसकी मौत हुई होगी। जिस स्थान पर बाघ की मौत हुई थी, उसके पास दो बड़े पैरों के निशान भी पाए गए। अधिकारियों ने शव की जांच की और गोली या गोली से लगी चोट के लिए स्कैनिंग की, लेकिन इसका कोई सबूत नहीं मिला।
उसके कैनाइन, मूंछ और पंजे बरकरार थे, इसलिए अवैध शिकार की संभावना नहीं है। उप वन संरक्षक डॉ. बसवराजू ने कहा, किसी अन्य बाघ के बड़े पैरों के निशानों की मौजूदगी के आधार पर, युवा बाघ की मौत क्षेत्र की लड़ाई में लगी चोटों के कारण हो सकती है। मृत बाघ की उम्र डेढ़ से दो साल के बीच थी। मृत बाघ के विसरा को एकत्रित कर वैज्ञानिक विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला में भेजा गया। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के प्रोटोकॉल के अनुसार पोस्टमार्टम किया गया और वरिष्ठ अधिकारियों तथा एनटीसीए प्रतिनिधि की मौजूदगी में शव को जला दिया गया।
Published on:
16 Dec 2024 07:15 pm
बड़ी खबरें
View Allबैंगलोर
कर्नाटक
ट्रेंडिंग
