उच्च कल्पना का रूप है अमूर्त चित्रकला
वर्तमान में दृश्य कला के प्रति आकर्षित होने वालों की संख्या में बढोतरी हो रही है। इसके चलते दृश्य भाषा प्रगति के पथ पर अग्रसर है।

इलकल. वर्तमान में दृश्य कला के प्रति आकर्षित होने वालों की संख्या में बढोतरी हो रही है। इसके चलते दृश्य भाषा प्रगति के पथ पर अग्रसर है। ये विचार हम्पी विश्वविद्यालय के चित्रकला विभाग के सह प्रोफेसर डॉ. शिवानन्द बन्टनूर ने सोमवार से यहां प्रदर्शित किए जा रहे इलकल के ख्यात चित्र कलाकार चन्द्रशेखर माली की चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किए।
शहर के जोशीगली में स्थित कासिम आर्ट गैलरी में कन्नड व संस्कृति विभाग के सहयोग से कलाकार चन्द्रशेखर माली के रचित चित्रों ी इस प्रदर्शनी में हम्पी, एहोल, आइहोले, बादामी के भग्न शिल्पों का सौंदर्य, ऐतिहासिक वास्तु शिल्पों का भूदृश्य के चित्र, डिजिटल चित्र, अमूर्त शैली के वर्ण चित्र कलाकृतियों का यहां प्रदर्शन किया जा रहा है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष जानपद साहित्यकार डॉ. शंभू बलीगार ने कलाकार शेखर माली के चित्रों का कैटलॉग का विमोचन करके कहा कि जिस प्रकार पूरे पानी से भरे घडे का पानी छलकता नहीं है, उसी प्रकार कलाकार चंद्रशेखर माली हमेशा प्रचार से दूर रहते हुए अपनी कला के प्रति संपूर्ण समर्पित है। वे सिर्फ चित्रकला कलाकार ही नहीं है साथ में बहु प्रतिभाशाली छायाकार भी है। उनके चित्रों को देखने से मन को खुशी मिलती है। हर व्यक्ति में कला छिपी हुई है, उसे उजागर करने का मौका मिलना चाहिए। कलाकारों को प्रोत्साहित करना हमारा सभी का कर्तव्य बनता है। मंच पर रोटरी क्लब के अध्यक्ष कुडलेप्पा कुडलेप्पानवर, आर्ट गैलरी संचालक कासिम कनसावी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में इलकल, हुनगुंद के चित्र कलाकार, साहित्यकार, रोटरी क्लब के सदस्य एवं प्रशंसक आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन बसवराज रामदुर्ग ने किया। स्वागत श्रीशैल धोत्रे ने किया। आभार चन्द्रकांत सरोदे ने जताया।
बोरिंग इंस्टीट्यूट लॉकर मामले में उद्यमी से पूछताछ
बेंगलूरु. बोरिंग इस्टीट्यूट के लॉकर से बरामद नकदी, आभूूषणों व करोड़ों रुपए की संपत्ति के दस्तावेजों के संबंध में पुलिस व आयकर विभाग उद्योगपति अविनाश कुकरेजा के साथ कड़ी पूछताछ कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि लॉकर से कर्नाटक के कुछ मंत्रियों और नेताओं से संबंधित दस्तावेज मिले हैं।
बरामद किए गए दस्तावेजों में बड़ी संख्या में हस्ताक्षर वाले खाली चैक, सहकार नगर में स्थित 5 एकड़ भूमि से संबंधित दस्तावेजों के अलावा कई रीयल एस्टेट कंपनियों से संबंधित दस्तावेज भी मिले हैं। पता चला है कि अविनाश के पास मैसूरु में एक मकान, बेंगलूरु में टाउन हाल के सामने एक ऑफिस तथा लावेले रोड, शांतिनगर सहित अन्य इलाकों में कई मकान हैं। सूत्रों का कहना है कि उसके नाम पर सैकड़ों भूखंड हैं।
लॉकर में बंद संपत्तियों के उजागर होने पर अविनाश ने पहले चार करोड़ रुपए देकर मामला दबाने की कोशिश की और बाद में एक बिचौलिये ने 5 करोड़ रुपए देने की पेशकश की लेकिन क्लब के सचिव ने किसी भी प्रलोभन में आए बगैर कानूनी कार्रवाई कर अपनी ईमानदारी का परिचय दिया। इस बीच, बताया गया है कि आयकर विभाग के अधिकारी अविनाश से उसके बैंक खातों, व्यवसाय के बारे में जानकारी एकत्रित कर रहे हैं।
जांचकर्ताओं को पता चला है कि अविनाश के पास विदेशों से भी धन आता था। प्रवर्तन निदेशालय ने भी आयकर विभाग से इस संबंध में जानकारी मांगी हैं।
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